वीरप्पा मोइली का आरोप, ‘परिसीमन के जरिए दक्षिण की सीटें कम करना चाहती है भाजपा सरकार’

हुबली, 22 मार्च . कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने न्यूज एजेंसी से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि पार्टी में सत्ता के बंटवारे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए. यह तय है कि सरकार ऐसी चर्चाओं से असुरक्षित है. विपक्षी दल इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली ने कहा, “एक बहुत मजबूत भावना है कि अगले परिसीमन के जरिए भाजपा सरकार की मंशा दक्षिण में सीटें कम करने की है. हालांकि, वे कहते हैं कि हम इसे कम नहीं करेंगे, लेकिन साथ ही वे यह आश्वासन भी नहीं देते कि वे उत्तर भारत में इसे नहीं बढ़ाएंगे. इसलिए अगर वे उत्तर भारत में इसे बढ़ाते हैं, तो इसका मतलब है कि दक्षिण में चुनाव है. वे सिर्फ दक्षिण भारत के लोगों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यह एक गंभीर मामला है, जिस पर दक्षिण को ध्यान देना होगा. दक्षिण भारत ने हमेशा वित्तीय अनुशासन, जनसंख्या नियंत्रण में अनुशासन बनाए रखा है और मुझे लगता है कि यह यहां के लिए अभिशाप नहीं हो सकता बल्कि यह देश के लिए वरदान होना चाहिए. देश के हित में जनसंख्या को नियंत्रित करना होगा और जो दक्षिणी राज्यों ने बहुत सफलतापूर्वक किया है. मुझे लगता है कि यह परिसीमन के मामले में दक्षिण के लिए अभिशाप नहीं बनना चाहिए. परिसीमन सिर्फ जनसंख्या के आधार पर नहीं किया जा सकता.”

वीरप्पा मोइली ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भाजपा देश को विघटित करना चाहती है. देश को एकीकृत करने के लिए किसी भी राज्य को लोकसभा सीट या विधानसभा सीट के आवंटन के मामले में निराशा महसूस नहीं करनी चाहिए. साथ ही, जिस तरह से आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार कुछ दुस्साहस कर रही है, इससे देश बंट सकता है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने पार्टी नेताओं को भी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि पार्टी में सत्ता के बंटवारे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए. यह तय है कि सरकार ऐसी चर्चाओं से असुरक्षित है. विपक्षी दल इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं. विपक्ष को हथियार बनाने के लिए ऐसी स्थिति लाना ठीक नहीं है. सत्ता के बंटवारे के मुद्दे पर पहले कोई फैसला हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है. मैं इस बारे में पार्टी हाईकमान से बात करता हूं. पार्टी में इन आंतरिक मुद्दों पर चर्चा करना उचित नहीं है.

एफएम/केआर