बेंगलुरु, 2 सितंबर . कर्नाटक भाजपा ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट द्वारा संचालित कलबुर्गी में पाली की अंतरराष्ट्रीय संस्था, संस्कृत और तुलनात्मक दर्शन संस्थान को मुफ्त में 19 एकड़ जमीन आवंटित की थी.
भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट का प्रबंधन मल्लिकार्जुन खड़गे परिवार द्वारा किया जाता है. सिद्धार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टियों में खड़गे की पत्नी, दामाद और दो बेटे शामिल हैं.”
“खड़गे के दामाद और वर्तमान में कलबुर्गी से कांग्रेस के सांसद पाली इंस्टीट्यूट के सचिव राधाकृष्ण ने कहा कि हाल ही में पता चला कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को बेंगलुरु के पास एयरोस्पेस पार्क में 5 एकड़ नागरिक सुविधाओं की जमीन दी गई थी. मार्च 2014 में, सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पाली इंस्टीट्यूट को 30 साल के लिए 16 एकड़ सरकारी जमीन पट्टे पर दी थी.”
”कुछ वर्षों में 16 एकड़ की पट्टे वाली संपत्ति में तीन एकड़ अतिरिक्त भूमि शामिल की गई. मार्च 2017 में, सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा सभी 19 एकड़ जमीन खड़गे परिवार द्वारा संचालित संस्थान को मुफ्त में हस्तांतरित कर दी गई. महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि खड़गे के बेटे, प्रियांक खड़गे, तत्कालीन कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, जब जमीन दी गई थी. वह अब भी मंत्री हैं.”
“मैं मांग करता हूं कि कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के पांच एकड़ भूमि अनुदान की तरह 19 एकड़ के इस भूमि हस्तांतरण की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए.”
लहर सिंह सिरोया ने कहा कि ”मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया और निशाना बनाया गया, क्योंकि मैंने कर्नाटक में खड़गे परिवार के सत्ता के कथित दुरुपयोग और भाई-भतीजावाद के मामले को उजागर किया.”
लहर सिंह ने कहा कि, ”अगर खड़गे परिवार डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और भगवान गौतम सिद्धार्थ के सिद्धांतों में विश्वास करता है, तो उन्हें खुद जांच की मांग करनी चाहिए. इस मामले में एक और सवाल है कि क्या सीएम सिद्धारमैया सरकार पर उनके निजी ट्रस्ट को जमीन देने के लिए खड़गे का दबाव था ? या कर्नाटक में कांग्रेस सरकार खड़गे को खुश करने की कोशिश कर रही थी ?”
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