दक्षिणी राज्यों के स्वाभिमान को नहीं समझती बीजेपी : विजयाशांति

हैदराबाद, 17 मई . पिछले साल नवंबर में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद से शांत चल रहीं अभिनेत्री से नेता बनीं विजयाशांति ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा दक्षिणी राज्यों के स्वाभिमान और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को नहीं समझती है.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार अभियान से दूर रहीं विजयाशांति ने एक्स पर एक पोस्ट में केंद्रीय मंत्री और आंध्रप्रदेश भाजपा अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी की यह दावा करने के लिए आलोचना की कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का अब तेलंगाना में अस्तित्व समाप्त हो जाएगा.

दिग्गज फिल्म स्टार ने लिखा कि दक्षिणी राज्य अपने आत्मसम्मान के लिए क्षेत्रीय भावनाओं और जनभावनाओं के रास्ते पर चल रहे हैं. जो लोग यह नहीं समझते उन्हें जानना चाहिए कि लोगों ने करुणानिधि, एम.जी. रामचन्द्रन, एन.टी. रामाराव, रामकृष्ण हेगड़े और जयललिता जैसे नेताओं व बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रति कितना अपार समर्थन जताया.

विजयाशांति ने कहा कि जहां कांग्रेस दक्षिण में स्वाभिमान के अस्तित्व को समझती है, वहीं भाजपा ने शायद इसके बारे में सोचा भी नहीं है और यह किशन रेड्डी के बयान से परिलक्षित होता है.

बीआरएस के बचाव में उनकी टिप्पणियों से राजनीतिक हलकों में अटकलें शुरू हो गईं कि वह पार्टी में शामिल होनेे की योजना बना रही हैं. हालांकि, उन्होंने ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया.

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं विजयाशांति ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव से दो सप्ताह पहले कांग्रेस में शामिल हुईं थीं.

दिसंबर 2020 में विजयाशांति 15 साल बाद भाजपा में लौटी थीं.

तेलुगु फिल्मों में अपनी एक्शन भूमिकाओं के लिए ‘लेडी अमिताभ’ के रूप में लोकप्रिय, वह 1997 में भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्य किया. उन्होंने तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ने के लिए 2005 में भाजपा छोड़ दी और एक अलग संगठन तल्ली तेलंगाना बनाया. बाद में उन्होंने तल्ली तेलंगाना का टीआरएस (अब बीआरएस) में विलय कर दिया और 2009 में मेडक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनी गईं.

अगस्त 2013 में, तेलंगाना के गठन से कुछ महीने पहले, टीआरएस ने विजयाशांति को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गईं और 2014 के चुनावों में मेडक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं, लेकिन असफल रहीं.

चार साल तक शांत रहने के बाद, विजयाशांति 2017 में फिर से कांग्रेस में सक्रिय हो गईं और उन्हें 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए स्टार प्रचारक बनाया गया. पार्टी की हार के बाद, वह पार्टी में सक्रिय नहीं थीं और 2020 में बीजेपी में शामिल हो गईं.

विजयाशांति ने चार दशकों तक तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में 180 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है.

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