नई दिल्ली, 26 अप्रैल . आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार पर प्रदूषण के मामले में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया.
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा ने चुनाव पूर्व दिल्ली में प्रदूषण खत्म करने के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे वादे पूरी तरह से झूठे साबित हुए हैं. उन्होंने कहा, “भाजपा ने दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए जानबूझकर हरित क्षेत्रों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए हैं. जंगलों और हरे-भरे इलाकों में प्रदूषण का स्तर स्वाभाविक रूप से काफी कम होता है, और भाजपा इस तथ्य का इस्तेमाल कर जनता के सामने प्रदूषण के स्तर को कृत्रिम रूप से कम दिखा रही है.”
‘आप’ नेता ने इसे दिल्ली की जनता के खिलाफ एक “आपराधिक षड्यंत्र” करार दिया. उन्होंने बताया कि दिल्ली में पहले से ही 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन हैं, जो आबादी और औद्योगिक क्षेत्रों के अनुपात में लगाए गए थे. लेकिन भाजपा सरकार ने जिन छह नई जगहों पर मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का निर्णय लिया है, वे सभी हरित क्षेत्र हैं – जैसे सेंट्रल रिज, जेएनयू परिसर, इग्नू के पीछे का मैदानगढ़ी जंगल, अक्षरधाम के पास यमुना किनारे कॉमनवेल्थ गेम्स कॉम्प्लेक्स और एनएसटीयू कैंपस.
उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि शुक्रवार को वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक्यूआई 373 दर्ज किया गया था, रोहिणी के रिहायशी इलाके में 334, जबकि मंदिर मार्ग के हरित क्षेत्र में एक्यूआई 156 रहा. भाजपा सरकार का इरादा हरित इलाकों में मॉनिटरिंग स्टेशन लगाकर प्रदूषण के वास्तविक स्तर को छिपाने का है.
उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले समय में औद्योगिक और घनी आबादी वाले इलाकों में लगे मॉनिटरिंग स्टेशनों को जानबूझकर खराब कर दिया जाएगा, ताकि केवल हरित क्षेत्रों के आंकड़ों के आधार पर यह प्रचार किया जा सके कि दिल्ली में प्रदूषण काफी कम हो गया है.
सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से पूछा है कि किस अधिकारी ने जंगलों में मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का निर्णय लिया? क्या इन स्थलों के चयन में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की गाइडलाइंस का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्या संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई?
‘आप’ नेता ने कहा कि यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई है, तो इससे साफ जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार भी इस साजिश में शामिल है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर केवल अच्छा आंकड़ा दिखाना ही मकसद है, तो सरकार अपने मंत्रियों के ड्राइंग रूम में ही एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगा ले. दिल्ली सरकार कोई ‘फुलेरा की पंचायत’ नहीं है, जहां मनमर्जी से निर्णय लिए जाएं. दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
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पीकेटी/एकेजे