वायनाड, 24 अक्टूबर . वायनाड से भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास ने गुरुवार को आगामी लोकसभा उपचुनाव जीतने का विश्वास जताया. उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के लोग कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को अपने प्रतिनिधि के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.
भाजपा संसदीय दल की नेता और कोझिकोड निगम में दो बार पार्षद रहीं नव्या हरिदास (39) भाजपा महिला मोर्चा की राज्य महासचिव भी हैं.
से बातचीत में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह चुनाव उनके और भाजपा दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
हरिदास ने कहा, “मैं इस महत्वपूर्ण चुनाव को जीतने के लिए लड़ रही हूं. भाजपा इस मुकाबले पर काफी ध्यान दे रही है.”
उन्होंने कहा, “मैं पहली बार लोकसभा के लिए चुनाव लड़ रही हूं. इससे पहले मैंने निगम चुनाव और विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था. मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे ऐसा अवसर मिला है.”
वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए भाजपा उम्मीदवार ने कहा, “प्रियंका गांधी ने कल अपना नामांकन दाखिल किया, उनके साथ उनकी मां, भाई, पति और बेटा भी थे. यह स्पष्ट रूप से परिवार के वर्चस्व को दर्शाता है.”
उन्होंने कहा, “नेहरू परिवार वायनाड में सीट हथियाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यहां के लोग इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.”
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी के नामांकन हलफनामे में 15.75 लाख रुपए की देनदारियों का खुलासा किया गया है, जो वर्ष 2012-13 के लिए आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही से जुड़ी है. यह मामला अभी भी आयकर आयुक्त (अपील) के पास लंबित है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरिदास ने कहा, “यही कारण है कि एआईसीसी एक परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है.
उन्होंने प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपों का भी जिक्र किया.
उन्होंने दावा किया, “रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कई आरोप हैं. मुझे नहीं लगता कि उनके नामांकन पत्र में सब कुछ बताया गया है.”
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की आलोचना करते हुए हरिदास ने कहा, “बाढ़ के दौरान वे अनुपस्थित थे. आपदा के चार दिन बाद ही वे वायनाड आए. वायनाड के लोग उचित प्रतिनिधि के बिना खुद को अकेला महसूस कर रहे थे.”
हरिदास ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों को खाली करने के लिए आपदा प्रबंधन टीम की चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया और किसी भी प्रतिनिधि ने कोई कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों से सांसद के रूप में राहुल गांधी ने वायनाड के लोगों के पक्ष में संसद में कभी भी यहां के मुद्दों को नहीं उठाया.”
हरिदास ने आगामी चुनावों में वायनाड की तुलना में रायबरेली को प्राथमिकता देने के राहुल गांधी के फैसले पर भी सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि वायनाड में हमेशा कांग्रेस का दबदबा रहा है. उम्मीदवार के बजाय चुनाव चिह्न के लिए मतदान किया जाता है. यही कारण है कि राहुल गांधी ने पिछली बार वायनाड को चुना था, क्योंकि उन्हें लगता था कि वे उत्तर भारत में कोई सीट नहीं जीत पाएंगे.
लेकिन इस बार, उन्होंने वायनाड के लोगों को पीछे छोड़कर रायबरेली सीट से सांसद बनना ही ठीक समझा.
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए हरिदास ने कहा, “यह गठबंधन काम नहीं करेगा. पिछले लोकसभा चुनावों में, हमने जहां भी यह गठबंधन था, वहां आंतरिक झगड़े और विभाजन देखे.
हरिदास ने कांग्रेस पर जाति और धर्म आधारित राजनीति में लिप्त होने और “फूट डालो और राज करो” की नीति का पालन करने का भी आरोप लगाया.
बता दें कि वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव 13 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.
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डीकेएम/एफजेड