भाजपा जोड़ने में विश्वास करती है और ओवैसी बांटने में : जमाल सिद्दीकी

नई दिल्ली, 13 नवंबर . भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने एआईएमआई प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “हम जोड़ने में विश्वास करते हैं और ओवैसी बांटने में यकीन रखते हैं.”

जमाल सिद्दीकी ने से बातचीत में कहा, “अब मैं असदुद्दीन ओवैसी के लिए क्या ही बोलूं, वह सिर्फ बांटने में विश्वास करते हैं और हम जोड़ने विश्वास करते हैं. दुनिया कहती है कि एक रहोगे तो सेफ रहोगे और यह लोग कहते हैं कि बंटोगे तो सेफ रहोगे. इनका एजेंडा बांटने का है और यह देश को फिर से तोड़ने की साजिश कर रहे हैं. एक और पाकिस्तान बनाने की फिराक में है, इसलिए मुसलमान को बरगलाने का काम करते हैं और उन्हें डराने का काम करते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि सरकार ने उनको जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी हुई है, 22 जवान उनके साथ चलते हैं. इसके बावजूद वह सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. वह जहां सुरक्षित महसूस करते हैं तो उन्हें वहीं चले जाना चाहिए. उन्होंने देश को बरगलाने, मुस्लिमों को डराकर वोटबैंट के रूप में उनका इस्तेमाल करने और सरकार को ब्लैकमेल करने का जो धंधा शुरू किया है, वह ठीक नहीं है. उन्हें इसको बंद कर देना चाहिए.”

भाजपा नेता जमाल सिद्दीकी ने कहा कि उनके दादा ने बांटने का काम शुरू किया था और वह इसी एजेंडे पर काम कर रहे हैं. इसलिए वह हैदराबाद से आगे नहीं निकल पाए और जहां भी गए, उन्हें बेइज्जत करके भगाया गया है.

उन्होंने कहा, “बड़ी अफसोस की बात है कि ओवैसी और कांग्रेस समेत बाकी विपक्ष को ना कोर्ट पर भरोसा है और ना ही इलेक्शन कमीशन पर भरोसा है. मैं यही कहूंगा कि जो एजेंसियां हैं, इन्हें उन पर भरोसा करना चाहिए. देश में जब आचार संहिता लागू होती है तो सारा काम इलेक्शन कमीशन के पास चला जाता है. अभी आपने देखा होगा कि महाराष्ट्र में डीजीपी शुक्ला को बदलने का काम भी किया गया.”

उन्होंने उद्धव ठाकरे की चेकिंग के सवाल पर कहा, “महाराष्ट्र में चुनाव के समय नितिन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं के बैग चेक किए गए, लेकिन उद्धव ठाकरे इस बात का मुद्दा इसलिए बना रहा हैं, क्योंकि उनके दिमाग से राजशाही अभी तक गई नहीं है. वह अभी भी खुद को राजा समझते हैं. वह कोई राजा नहीं बल्कि एक समान्य नागरिक हैं, उन्होंने खुद अपनी बची हुई इज्जत को गंवा दिया है. अब उन्हें समान्य नागरिक की तरह रहना सीख लेना चाहिए.”

एफएम/जीकेटी