बेंगलुरु, 17 जुलाई . बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ अश्वथ नारायण ने कन्नड आरक्षण को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सरकार के इस कदम को राजनीतिक ड्रामा बताते हुए कहा कि एक भ्रष्ट सरकार ऐसा कर सिर्फ और सिर्फ अपने राजनीतिक हित साधने का प्रयास कर रही है. सच्चाई यह है कि सरकार को जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, “यह सरकार अब राज्य में नए राजनीतिक ड्रामा की शुरुआत कर रही है, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इससे मौजूदा सरकार को कोई खास फायदा होने वाला नहीं है. यह सरकार ड्रामा करने के मूड में आ चुकी है. राज्य सरकार की कार्यशैली से यह साफ जाहिर हो रहा है कि यह अक्षम और अकुशल सरकार है. इस सरकार को जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है. यह लोग जनता के विरुद्ध काम कर रहे हैं. सरकार सभी निजी कंपनियों में कन्नड लोगों को विशेष आरक्षण देने के मकसद से यह बिल लेकर आई है, लेकिन मैं एक बात पर सभी का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं कि हर राज्य की अपनी रोजगार शैली होती है, जिसके अनरूप सभी को कार्य करना होता है.”
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या मौजूदा वक्त में इस बिल की जरूरत है? इस पर उन्होंने कहा, “मैंने आपको बताया ना कि यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक ड्रामा है और इसके अलावा कुछ भी नहीं. मैं एक बात फिर से एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि इससे कुछ खास होने वाला नहीं है. सरकार इस कदम के जरिए अपने लिए एक नए राजनीतिक मुद्दे को जन्म देने का प्रयास कर रही है, लेकिन इस सरकार को इससे कोई खास फायदा होने वाला नहीं हैं.”
उन्होंने मौजूदा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्ट है, जिसे जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है.
बता दें कि बीते दिनों कर्नाटक सरकार ने ग्रुप सी और ग्रुप डी में निजी कंपनियों में नौकरी के लिए राज्य के मूल निवासियों के लिए 100 फीसद आरक्षण का मार्ग प्रशस्त करने के मकसद से विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. बीजेपी जहां इसका विरोध कर रही है, तो वहीं सत्तारूढ़ दल इसकी पैरोकारी करते हुए इसे मौजूदा समय के लिए जरूरी बता रही है. सोमवार को इस संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक भी हुई थी.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस संबंध में सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा, “कल हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में ‘सी और डी’ ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों की भर्ती अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दी गई.”
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