नई दिल्ली, 5 अक्टूबर . दिल्ली में बस मार्शलों की पुनर्बहाली को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गई हैं. आप ने शनिवार को राजनिवास के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने आप के मंत्रियों को हिरासत में भी लिया.
आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने मार्शलों की बहाली नहीं होने दी. वहीं, भाजपा का कहना है कि इन सभी बस मार्शलों को अरविंद केजरीवाल ने निकाला और उनकी वह चिट्ठी सार्वजनिक है. अब जब चुनाव आने वाले हैं तो आप के नेताओं को बस मार्शलों की याद आ रही है. पहले ये लोग राजनीतिक नौटंकी करने में व्यस्त थे.
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “हम राजनिवास के बाहर मौजूद थे. हमारे साथ विधायक और अन्य मंत्री भी थे. किसी को एलजी आवास के अंदर नहीं जाने दिया गया. मुख्यमंत्री आतिशी को उनकी सिक्योरिटी के बगैर अंदर बुलाया गया. लेकिन, भाजपा के सभी विधायकों को अंदर जाने दिया गया.”
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली के 10 हजार बस मार्शलों को धोखा दिया है. भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने हमसे वादा किया था कि अगर हम कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर देते हैं तो वह एलजी के माध्यम से बस मार्शलों को नियमित कर देंगे. लेकिन, आज एलजी और भाजपा नेताओं दोनों ने ही बस मार्शलों और दिल्ली की जनता को धोखा दिया है.
बता दें कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बस मार्शलों की बहाली को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, “बसों में मार्शल होने से महिलाएं सुरक्षित महसूस करती थीं. उन्हें लगता था कि अगर उनके साथ कोई गलत व्यवहार करेगा, तो बचाने के लिए बस मार्शल मौजूद हैं. पर भाजपा वालों ने गंदी राजनीति की और 10 हजार बस मार्शलों को उनकी नौकरी से हटा दिया. आज महिलाएं असुरक्षित हैं और 10 हजार बस मार्शल सड़क पर हैं. आज दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने बस मार्शलों की बहाली का फैसला लिया. अब भाजपा वालों से उम्मीद करते हैं कि वे इस फैसले को पास करवा दें, ताकि दिल्ली की महिलाएं बसों में सुरक्षित रहें.”
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डीकेएम/एकेजे