रांची, 1 अगस्त . झारखंड विधानसभा से देर रात मार्शल आउट किए गए भाजपा के विधायकों ने बुधवार की पूरी रात विधानसभा की आउटर लॉबी में फर्श पर सोकर गुजारी. विधायकों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है.
आज सुबह 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू होनी है और इस दौरान भी हंगामा जारी रहने के आसार हैं. धरना-प्रदर्शन कर रहे विधायक युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों के स्थायीकरण जैसे मुद्दों पर सीएम हेमंत सोरेन से तत्काल जवाब देने की मांग पर अड़े हैं.
उनका कहना है कि सीएम पहले इन मुद्दों पर जवाब दें और उसके बाद ही सदन की आगे की कार्यवाही चले. बुधवार को सदन में दूसरी पाली की कार्यवाही के दौरान जब ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिए जा रहे थे, तब नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों से जुड़ा विषय उठाया.
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने युवाओं, शिक्षकों, होमगार्ड, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, अराजपत्रित कर्मचारियों सहित विभिन्न वर्गों से जो वादे किए थे, उन्हें भूला दिया गया है. हम सीधे सीएम से इस मामले में तत्काल जवाब चाहते हैं. यह मौजूदा विधानसभा का आखिरी सत्र है और सीएम इस सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सबसे अंत में जवाब देंगे तो विपक्ष को वस्तुस्थिति और अपना पक्ष रखने का वक्त नहीं मिलेगा.
इसलिए सीएम पहले इन विषयों पर जवाब दें, अन्यथा सदन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. नेता प्रतिपक्ष के इस ऐलान के बाद भाजपा के विधायक अपने साथ लाया विशाल बैनर लहराते हुए सदन के वेल में पहुंच गए. इस पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने गहरी नाराजगी जताते हुए सदन की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी, लेकिन इसके बावजूद भाजपा-आजसू के विधायक सदन के वेल में ही डटे रहे.
इसके बाद विधानसभा की लाइट काट दी गई और एसी बंद कर दिया गया. अंधेरे में विधायक करीब आठ घंटे तक सदन में ही जमे रहे. सीएम हेमंत सोरेन भी शाम छह बजे उन्हें मनाने पहुंचे, लेकिन विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे. रात करीब 10 बजे विधायकों को मार्शल ने जबरन उठाकर और खींचकर सदन से बाहर निकाला तो उन्होंने लॉबी में धरना शुरू कर दिया.
गुरुवार सुबह नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जोहार झारखंड! माटी, बेटी, रोटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में.. झारखंड विधानसभा परिसर में राज्य के युवाओं और अनुबंध कर्मियों के हक व अधिकार की लड़ाई जारी है. युवाओं के पांच साल बर्बाद हुए और अनुबंध कर्मियों के साथ जो ठगी हुई, उसका जवाब मुख्यमंत्री को देना होगा!’
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एसएनसी/एफजेड