भुवनेश्वर, 4 मार्च . ओडिशा सरकार द्वारा पंचायती राज दिवस मनाने के कार्यक्रम में फेरबदल को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. विवाद के बीच बीजद ने मंगलवार को सरकार के फैसले के खिलाफ 6 मार्च को पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
मंगलवार को भुवनेश्वर में मीडिया से बातचीत करते हुए बीजद के वरिष्ठ नेता संजय दास बर्मा ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में बीजू पटनायक के योगदान को याद करते हुए, हर साल 5 मार्च को उनकी जयंती पर पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. हम वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा 5 मार्च के बजाय 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाने के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हैं.
संजय दास बर्मा ने कहा, “कल बीजू पटनायक की पावन जयंती पूरे राज्य में मनाई जाएगी, जैसा कि बीजद मनाता है, लेकिन 6 मार्च को हम सरकार के संविधान विरोधी रवैये के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे.” उन्होंने ओडिशा के सभी लोगों से 6 मार्च को इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की, जो बीजद कार्यकर्ताओं द्वारा बीजू पटनायक की जयंती के संबंध में राज्य सरकार द्वारा किए गए धोखे के खिलाफ आयोजित किया जाएगा.
पंचायती राज व्यवस्था में बीजू पटनायक के योगदान को याद करते हुए बीजद नेता ने कहा कि बीजू बाबू न केवल त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को लागू करने वाले पहले व्यक्ति थे, बल्कि भारत के पहले नेता भी थे जिन्होंने ‘गांव कु काम और मां कु सम्मान’ (गांवों में नौकरियों की उपलब्धता और महिलाओं को सम्मान) के बारे में बात की थी. ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का क्रांतिकारी कदम उठाया था.
बीजद नेता ने कहा कि बीजू बाबू का मानना था कि ओडिशा या भारत तब तक विकसित नहीं हो सकता है, जब तक महिलाओं को सशक्त नहीं बनाया जाता और उन्हें गांव स्तर पर नीति निर्माण में शामिल नहीं किया जाता. 5 मार्च को बीजू पटनायक की जयंती को 1991 से पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है. ओडिशा के लोग बीजू बाबू को त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के निर्माता के रूप में हमेशा याद रखेंगे.
उन्होंने आगे दावा किया कि बीजू पटनायक द्वारा ओडिशा में पंचायती राज व्यवस्था लागू करने के एक साल बाद, केंद्र सरकार ने 1992 में 73वां और 74वां संविधान संशोधन किया, जिसने देश में पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक बना दिया. केंद्र सरकार 2010 से 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाती आ रही है, जबकि ओडिशा सरकार पिछले तीन दशकों से पांच मार्च को पंचायती राज दिवस मनाती आ रही है.
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डीएससी/