नई दिल्ली, 13 फरवरी . बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने गुरुवार को राज्यसभा में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने का मुद्दा उठाया.
सस्मित पात्रा ने आरोप लगाया कि बजट में ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों की उपेक्षा की गई है और यह सिर्फ अनदेखी नहीं, बल्कि “राज्य का अपमान” है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन 11 साल बाद भी वह वादा पूरा नहीं हुआ. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजद और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक लगातार इस दर्जे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है.
बीजद सांसद ने कहा कि ओडिशा देश की आर्थिक रीढ़ है. राज्य का कोयला, लौह अयस्क और खनिज देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन जब ओडिशा को उसका अधिकार देने की बात आती है, तो केंद्र सरकार अनदेखी कर देती है. पात्रा ने यह भी कहा कि ओडिशा हर साल चक्रवात और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होता है, फिर भी केंद्र सरकार राज्य के दर्द को नजरअंदाज करती आ रही है.
उन्होंने केंद्र सरकार के बजट को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि इसमें कुछ राज्यों पर कृपा बरसाई गई है, जबकि ओडिशा को नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या ओडिशा को केवल अपने खनिज संसाधन देने के लिए ही उपयोग किया जाएगा, और उसे विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर ध्यान नहीं दिया जाएगा?
सस्मित पात्रा ने कहा कि ओडिशा के लचीलेपन को पुरस्कृत किया जाना चाहिए, न कि उसे अनदेखा किया जाए. अगर भारत को विकास की गति बनाए रखनी है, तो यह जरूरी है कि ओडिशा को उसका हक दिया जाए. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देकर उसके विकास को प्राथमिकता दी जाए.
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पीएसएम/एकेजे