नई दिल्ली, 23 दिसंबर . बीजेडी के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भारत के चुनाव आयोग के साथ बैठक की. बैठक में बीजेडी के द्वारा लोकसभा चुनाव और ओडिशा विधानसभा चुनाव में वोटों के अंतर सहित तीन मुद्दे उठाए गए.
चुनाव आयोग के साथ बीजेडी प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद बीजेडी प्रवक्ता अमर पटनायक ने से बातचीत के दौरान कहा है कि हमने चुनाव आयोग के समक्ष कुछ मुद्दे उठाए हैं. हमने चुनाव और चुनाव प्रक्रिया से संबंधित सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा प्रस्तुत किए, जो उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है. चूंकि ओडिशा में एक साथ चुनाव हुए थे, इसलिए हमें निर्वाचन क्षेत्रवार डेटा भी प्राप्त हुआ, जिसकी हमने तुलना की. इसके आधार पर हमने चुनाव आयोग के समक्ष तीन मुद्दे उठाए. हम चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. हम बस यह कहना चाहते हैं कि जो हमने मुद्दे उठाए हैं उसकी जांच की जाए. चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह जांच करेंगे और इसके बाद फिर बैठक करेंगे.
ईवीएम हैकिंग पर बीजेडी प्रवक्ता अमर पटनायक ने कहा है कि हमने ईवीएम हैकिंग के बारे में कुछ नहीं कहा. हमने अपनी याचिका में कहीं भी ‘हैकिंग’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. हमने हैकिंग को लेकर कोई उंगली नहीं उठाई. हमने बताया कि ईवीएम में गलती थी और आंकड़ों में गड़बड़ी थी. हमें समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन ऐसा देखा गया. हमने चुनाव आयोग से इस मुद्दे को स्पष्ट करने का अनुरोध किया. हम इस समय ईवीएम हैकिंग पर बात नहीं कर रहे हैं. एक बार चुनाव आयोग जवाब दे और स्पष्टीकरण दे, हम इसकी समीक्षा करेंगे और निर्णय लेंगे. बूथ लेवल पर हमने कुछ दस्तावेज भी मांगे हैं. सभी का रिव्यू करने के बाद पार्टी एक फैसला लेगी.
कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो ईवीएम पर आरोप लगाती है, ओडिशा में विधानसभा चुनाव के छह महीने बाद आप चुनाव आयोग से मिले. इस पर उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं पता है कि जिस तरह से हमने चुनाव आयोग को डाटा दिया है, उन्होंने भी दिया है या नहीं. हमें छह महीने का वक्त इसलिए लगा, क्योंकि डाटा इकठ्ठा करने में समय लगता है. चुनाव में हमारा वोटिंग प्रतिशत भाजपा से ज्यादा है. चुनाव के बाद हमारे सामने जो परिणाम आए. इसके बाद हम बूथ स्तर पर डाटा इकट्ठा कर रहे थे.
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डीकेएम/