मुंबई, 3 अगस्त . कॉमेडियन सुनील ग्रोवर आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं. जिनका स्क्रीन पर आना लाफ्टर की गारंटी है. ‘रिंकू भाभी’, ‘गुत्थी’ और ‘डॉ. गुलाटी’ जैसे उनके कई किरदार घर-घर में मशहूर हुए. उन्होंने न सिर्फ टीवी पर, बल्कि फिल्मों में भी अपनी धाक जमा रखी है. उनकी कॉमिक टाइमिंग लाजवाब है.
3 अगस्त 1977 को हरियाणा के शहर डबवाली में जन्मे सुनील ग्रोवर ने अपना नाम बनाने के लिए काफी स्ट्रगल किया है. वह अजय देवगन की मूंछें काटकर फिल्ममेकर्स की नजरों में चढ़े थे. आखिर क्या है यह पूरा किस्सा, आगे आपको बताते है-
सुनील आज जिस मुकाम पर है, उस तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. एक वक्त ऐसा भी था, जब वह पाई-पाई को मोहताज थे और सिर्फ 500 रुपए कमाते थे. जब उनके पास रेडियो का ऑफर आया तो वह रेडियो जॉकी भी बने, लेकिन उनका मन एक्टिंग में रमा था. इस दौरान वह टीवी शोज और कई दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए ऑडिशन देते रहे, पर हर बार हाथ असफलता ही लगी.
काफी मेहनत के बाद उन्हें अजय देवगन और काजोल की फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ में एक नाई का रोल मिला. उसमें उन्हें अजय देवगन की मूंछें काटनी थीं. फिल्म के इस सीन को दर्शकों ने काफी पसंद किया. सभी हंसी से लोटपोट हो गए. इस छोटे से सीन के जरिए दोगुना लाफ्टर देने पर वह मेकर्स की नजर में आ गए.
इसके बाद उन्हें ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’, ‘इंसान’, आमिर खान की फिल्म ‘गजनी’, ‘फैमिली टाइज ऑफ ब्लड’, ‘कॉफी विद डी’, ‘छोरियां’, ‘गब्बर इज बैक’, ‘भारत’, ‘हीरोपंती’, ‘तांडव’ और हाल ही में रिलीज हुईं ‘ब्लैकआउट’ जैसी कई फिल्मों में काम किया.
ऐसा नहीं है, कि उनके करियर में अब सब कुछ अच्छा चलने लगा था. सुनील ग्रोवर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक शो से उन्हें रातों-रात बिना कोई कारण दिए तीन दिन काम कराने के बाद निकाल दिया गया. उस वक्त उन्हें काफी बुरा भी लगा.
अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने ‘चला लल्लन हीरो बनने’, ‘क्या आप पांचवी फेल चंपू हैं’, ‘कॉमेडी सर्कस’ और ‘मेड इन इंडिया’ जैसे शो में काम किया, लेकिन पॉपुलैरिटी हासिल नहीं हो पाई. किस्मत तब पलटी जब ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ और ‘द कपिल शर्मा शो’ का हिस्सा बने. कपिल के शो पर शानदार कॉमेडी के बलबूते वे ‘कॉमेडी किंग’ बने. कभी 500 रुपये तक कमाने वाले सुनील आज एक एपिसोड की मोटी फीस लेते हैं.
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पीके/केआर