जन्मदिन विशेष: विरोध, रिजेक्शन और संघर्षों ने निखारा, ऐसा रहा ‘पप्पीजी’ और ‘जीतू भैया’ का फिल्मी सफर

New Delhi, 31 अगस्त . बॉलीवुड में ऐसे कई एक्टर हैं, जिनका फिल्मों में आने का सफर आसान नहीं रहा. कई को अपने परिवार के विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन एक्टिंग के प्रति जूनून ने उन्हें किसी और लाइन में करियर बनाने ही नहीं दिया. ऐसे ही दो अभिनेता हैं- दीपक डोबरियाल और जितेंद्र कुमार, जिन्होंने अपने किरदारों से दर्शकों के सामने एक अलग छाप छोड़ी. दोनों का अभिनय इतना दमदार कि फैंस उन्हें उनके किरदारों के नाम से ही पहचानने लगे.

1 सितंबर को दीपक डोबरियाल और जितेंद्र कुमार का बर्थडे है. दोनों ही बॉलीवुड और ओटीटी के चमकते सितारे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और टैलेंट से दर्शकों का दिल जीता.

थिएटर से फिल्मों तक का सफर तय करने वाले दीपक डोबरियाल का सपना लीड एक्टर बनना था, लेकिन फिल्मों में मिले हर छोटे-बड़े रोल को उन्होंने बखूबी निभाया. 2011 में रिलीज हुई फिल्म तनु वेड्स मनु में ‘पप्पी जी’ के किरदार से उन्हें जबरदस्त पहचान मिली.

इसके बाद उन्हें तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला. उन्हें कई अवार्ड भी मिले. तनु वेड्स मनु में ‘पप्पी जी’ का किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि लोग उन्हें असल जिंदगी में भी पप्पीजी कहकर बुलाने लगे.

इसके अलावा दीपक डोबरियाल ने ओमकारा, दबंग 2, प्रेम रतन धन पायो, हिंदी मीडियम, अंग्रेजी मीडियम, भेड़िया और भोला जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. दीपक की कॉमिक टाइमिंग और दमदार एक्टिंग उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में खास बनाती है.

दीपक डोबरियाल का जन्म 1 सितंबर 1975 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था. जब वह पांच साल के थे तो नौकरी की तलाश में उनके पिता पूरे परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए. इस दौरान वह कठवरिया सराय में रहे.

स्कूल दिनों में दीपक अपने भाई के साथ रामलीला में भाग लेते थे. 12 साल की उम्र में जब वह थियेटर से जुड़े तो पिता को उनका फैसला रास नहीं आया, क्योंकि उनके सहपाठी क्लास में अच्छा परफॉर्म कर रहे थे और सबने आगे की पढ़ाई के लिए प्लानिंग की थी.

पिता का मानना था कि अभिनय कोई परमानेंट जॉब नहीं है. बाद में उनके अंकल ने पिता को मनाया और तब जाकर उन्होंने आरएलए कॉलेज का थियेटर ग्रुप ज्वाइन किया. यहां कुछ प्ले करने के बाद दीपक फिल्मों में काम की इच्छा लेकर Mumbai शिफ्ट हो गए.

कई थियेटर में काम करने के बाद उन्हें 2002 में फिल्म दिल है तुम्हारा में एक छोटा रोल मिला. इसके बाद 2006 में उन्हें फिल्म ओमकारा मिली और इस तरह फिल्मी दुनिया के उनके सफर ने गति पकड़ी. दीपक सिर्फ एक्टर नहीं, बल्कि एक बेहतरीन डायलॉग राइटर और थिएटर डायरेक्टर भी हैं.

अब जानते हैं अभिनेता जितेंद्र कुमार के बारे में. इनका जन्म 1 सितंबर 1990 को राजस्थान के अलवर जिले में हुआ था. उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.

शुरुआती दिनों में उन्होंने एक कंपनी में काम भी किया, लेकिन उनका मन नहीं लगा. बाद में वह कॉलेज में अपने एक सीनियर के साथ मिलकर थियेटर प्ले करने लगे. जितेंद्र कुमार का परिवार भी अभिनय में करियर बनाने के उनके फैसले से सहमत नहीं था.

जितेंद्र ने दिल्ली के स्कूल ऑफ ड्रामा में आवेदन किया था, लेकिन दूसरे राउंड में रिजेक्ट हो गए थे. इसके बाद वह Mumbai चले गए. 2019 में उन्हें देश की पहली ब्लैक एंड वाइट वेबसीरीज ‘कोटा फैक्ट्री’ में जीतू भैया के किरदार से घर-घर में पहचान बनाई. कोटा फैक्ट्री में ‘जीतू भैया’ का किरदार इतना हिट हुआ कि स्टूडेंट्स उन्हें मेंटर के रूप में देखने लगे.

जितेंद्र की सादगी और किरदारों में जान डालने की कला उन्हें युवा दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाती है. उन्होंने आयुष्मान खुराना के साथ शुभ मंगल ज्यादा सावधान में काम किया.

ओटीटी पर रिलीज हुई पंचायत वेबसीरीज में जितेंद्र कुमार ने ग्रामीण भारत की सादगी को खूबसूरती से पेश किया. वेबसीरीज में सचिव जी के किरदार से वह दर्शकों के दिलों में बस गए. उनकी खासियत है कि वह कॉमेडी और इमोशनल सीन दोनों में बराबर कमाल दिखाते हैं.

दोनों ही कलाकार अपनी सादगी, मेहनत और अनोखे अंदाज से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं.

डीकेएम/वीसी