नई दिल्ली, 15 सितंबर . 16 सितंबर को खेल जगत से ताल्लुक रखने वाले ऐसी दो शख्सियत का जन्म हुआ था, जिन्हें ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली. पहला नाम राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक गीता रानी का है जिनके नाम कई बड़े मेडल दर्ज हैं. दूसरा नाम क्रिकेट अंपायर आर. रामचंद्र राव का है, जिनका करियर बेशक छोटा रहा लेकिन उन्होंने अपनी सटीक और पैनी नजर से छाप जरूर छोड़ी.
गीता रानी (जन्म 16 सितंबर 1981) एक भारतीय भारोत्तोलक हैं. उन्होंने 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में महिला +75 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने 2004 में एशियाई चैम्पियनशिप में तीन रजत पदक और 2003 में हैदराबाद में आयोजित एफ्रो-एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था. उनकी उपलब्धियों के लिए वर्ष 2006 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था.
इसके अलावा गीता रानी कई बार विवादों में भी फंस चुकी हैं. डोपिंग जैसे बड़े मामलों में भी उनका नाम सामने आ चुका है.
रामचंद्र राव का जन्म 16 सितंबर 1931 हुआ था. रामचंद्र राव की फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अंपायरिंग की शुरुआत रणजी ट्रॉफी के साथ हुई थी. उनके जन्मदिन के अवसर पर एक नजर उनके करियर पर डालते हैं.
नवंबर 1975 में अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच हुए क्रिकेट मैच में उन्होंने डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने 20 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैचों में अंपायरिंग की थी. उनकी अंपायरिंग का सबसे यादगार मैच मार्च 1987 में हुआ, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच अहमदाबाद में हुआ मुकाबला था. पूर्व टेस्ट क्रिकेट अंपायर का निधन 11 जून 2017 को 85 साल की उम्र में हो गया था.
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एएमजे/एएस