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New Delhi, 26 जुलाई . हिंदी सिनेमा में राहुल बोस और विनय पाठक दो ऐसे Actor हैं, जिन्होंने अपनी शानदार अभिनय क्षमता और अनूठे किरदारों के जरिए दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. दोनों Actor अपना जन्मदिन 27 जुलाई को सेलिब्रेट करते हैं. लेकिन, किसी भी कैरेक्टर को पर्दे पर शिद्दत से निभाने वाले राहुल बोस और विनय पाठक पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहते हैं.
27 जुलाई 1967 को राहुल बोस का जन्म हुआ. 16 साल की उम्र में एक्टिंग से नाता जुड़ा. एक प्ले में ऐसा किरदार निभाया, जिसने आगे चलकर उनके फाइनेस्ट एक्टर बनने की राह बना दी.
अगर उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो राहुल बोस ने अभी तक शादी नहीं की. जीवन का इतना बड़ा फैसला राहुल बोस ने महज 18 साल की उम्र में कर लिया था, जिस उम्र में युवा अपने करियर और सपनों के बारे में सोचते हैं, उस उम्र में राहुल बोस ने शादी को लेकर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया था.
ऐसा नहीं है कि उन्हें प्यार पसंद नहीं है. बस उन्होंने सिंगल रहने का फैसला किया. बोस ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1988 में फिल्म ‘द परफेक्ट मर्डर’ से की, लेकिन उन्हें असली पहचान 1994 में ‘इंग्लिश अगस्त’ से मिली. Actor के लिए यह फिल्म आज भी उनके करियर में मील का पत्थर मानी जाती है. राहुल ने ‘मिस्टर एंड मिसेज अय्यर’, ‘शौर्य’, ‘चमेली’ जैसी फिल्मों में भी अभिनय से समीक्षकों की खूब प्रशंसा बटोरी.
राहुल बोस न केवल एक Actor, निर्देशक और पटकथा लेखक हैं, बल्कि एक शानदार खिलाड़ी भी हैं. स्कूल के दिनों में उन्होंने क्रिकेट कोचिंग ली और बॉक्सिंग में सिल्वर मेडल भी जीता. इसके अलावा, राहुल सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं.
अगर राहुल बोस के समकालीन माने जाने वाले विनय पाठक की बात करें तो वह भी Bollywood में अपनी कलाकारी के दम पर पैर जमाने में सफल हुए.
टीवी शो के साथ ही साथ फिल्मों में अलग-अलग शैली के किरदारों में दर्शकों ने उन्हें पसंद किया. उन्होंने करियर की शुरुआत टीवी शो ‘हिप हिप हुर्रे’ (1998) से की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान 2006 में ‘खोसला का घोसला’ और ‘भेजा फ्राय’ जैसी फिल्मों से मिली.
उनकी कॉमिक टाइमिंग और स्वाभाविक अभिनय ने दर्शकों को खूब हंसाया. ‘खोसला का घोसला’ में उनके किरदार ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया. इसके बाद ‘रब ने बना दी जोड़ी’ में बलविंदर ‘बॉबी’ खोसला जैसे किरदारों ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया.
वह स्टैंड-अप कॉमेडी और थिएटर में भी सक्रिय रहे हैं. उनके नाटक ‘व्हाइट लिली एंड नाइट राइडर’ को खूब सराहना मिली. विनय का हास्य स्वाभाविक और सहज है, लेकिन वे गंभीर किरदारों में भी उतनी ही गहराई लाते हैं. विनय पाठक की खासियत उनकी सादगी और दर्शकों से जुड़ने की क्षमता है. उनकी कॉमेडी में एक आम आदमी की झलक दिखती है, जो दर्शकों को तुरंत पसंद आती है.
विनय पाठक social media पर कम सक्रिय रहते हैं, लेकिन उनके प्रशंसक उनके हर नए प्रोजेक्ट का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
राहुल बोस और विनय पाठक, दोनों ही हिंदी सिनेमा के वो रत्न हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से न केवल मनोरंजन किया, बल्कि सिनेमा को नई दिशा भी दी.
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डीकेएम/एबीएम