बिरसा मुंडा के वशंज मंगल मुंडा का निधन, पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

नई दिल्ली, 29 नवंबर . आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार को रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) में रात करीब साढ़े 12 बजे हृदय गति रुकने से निधन हो गया. वह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे.

मंगल मुंडा के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भगवान बिरसा मुंडा जी के वंशज मंगल मुंडा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनका जाना उनके परिवार के साथ ही झारखंड के जनजातीय समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को संबल प्रदान करे.”

बिरसा मुंडा के अनुयायी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगल मुंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया.

उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “रिम्स में इलाजरत भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं. मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दें.”

सीएम हेमंत सोरेन बुधवार को अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ मंगल मुंडा के स्वास्थ्य की जानकारी लेने रिम्स गए थे.

झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी मंगल मुंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा, “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. शोकाकुल परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर शोकाकुल परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगल मुंडा को श्रद्धांजलि दी है.

उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा, “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का असामयिक निधन अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाता है. इतनी नाजुक स्थिति में भी उन्हें समय पर ट्रामा सेंटर में बेड नहीं मिला. इलाज शुरू करने में 10 घंटे की देरी हुई. परिजनों को 15,000 की दवाएं भी खुद खरीदनी पड़ी. अबुआ सरकार में एक गरीब आदिवासी की जिंदगी की कीमत आज बस इतनी ही रह गई है. यह केवल मंगल मुंडा की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था के द्वारा उनकी हत्या है.”

उन्होंने आगे लिखा, “जिस झारखंड को बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलना चाहिए था, वहां उनके वंशज के साथ ऐसा व्यवहार होना हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख देता है. क्या आज हमारी सरकार और व्यवस्था में गरीबों की कोई जगह नहीं बची है? यह सवाल सिर्फ मंगल मुंडा के परिवार का नहीं, बल्कि झारखंड के हर गरीब आदिवासी का है.”

झारखंड के खूंटी जिले के साइको थाना क्षेत्र के पीडिहातु मोड़ के पास बीते सोमवार शाम एक यात्री वाहन की छत से गिरने से मंगल मुंडा के सिर में चोटें आई थी. खूंटी के सदर अस्पताल में शुरुआती इलाज के बाद मंगल मुंडा को मंगलवार को रिम्स रेफर कर दिया गया था. जहां शुक्रवार को उनका निधन हो गया.

मंगल मुंडा बिरसा मुंडा के वंशज थे. बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी और उन्हें साम्राज्य के खिलाफ आदिवासियों को संगठित करने का श्रेय दिया जाता है.

एकेएस/एएस