New Delhi, 8 सितंबर . भारत और इजराइल ने Monday को एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य पारस्परिक निवेश को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों का विस्तार करना है.
इस समझौते को राष्ट्रीय राजधानी में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजरायल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच द्वारा साइन किया गया है.
इस समझौते के साथ इजराइल, भारत के नए मॉडल संधि ढांचे के तहत निवेश समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) सदस्य देश बन गया है. इससे पहले भारत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)और उज्बेकिस्तान के साथ भी इस तरह का समझौता कर चुका है.
इस समझौते पर इजरायल के वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने कहा, “यह एक रणनीतिक कदम है जो इजराइली और भारतीय निवेशकों, दोनों के लिए नए द्वार खोलेगा, इजराइली निर्यात को मजबूत करेगा और दोनों पक्षों के व्यवसायों को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में विकास के लिए निश्चितता और साधन प्रदान करेगा.” उन्होंने आगे कहा, “भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और इसके साथ सहयोग इजराइल के लिए एक बड़ा अवसर है.”
इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मोट्रिच इजरायल के सरकारी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए Sunday रात भारत के लिए रवाना हुआ. इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्रालय के मुख्य अर्थशास्त्री शमूएल अब्रामजोन, महालेखाकार याली रोथेनबर्ग और महानिदेशक इलान रोम शामिल हैं. अन्य प्रमुख अधिकारियों में इजराइल सिक्योरिटीज अथॉरिटी के अध्यक्ष सेफी सिंगर भी शामिल हैं.
सरकारी डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत-इजरायल के बीच (डिफेंस को छोड़कर) 3.75 अरब डॉलर था.
भारत से इजराइल को प्रमुख निर्यातों में मोती और कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, रासायनिक और खनिज उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, कपड़ा और परिधान उत्पाद, धातु, परिवहन उपकरण और कृषि उत्पाद शामिल हैं.
वहीं, इजराइल से भारत को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में मोती और कीमती पत्थर, रासायनिक और खनिज/उर्वरक उत्पाद, मशीनरी और विद्युत उपकरण, पेट्रोलियम तेल, रक्षा, मशीनरी और परिवहन उपकरण शामिल हैं.
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एबीएस/