सेना से बॉलीवुड तक : बिक्रमजीत कंवरपाल ने बचपन का सपना ऐसे किया पूरा

New Delhi, 28 अगस्त . फिल्मों से लगाव कहें या फिर एक्टिंग का जुनून, ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि जब कोई शख्स अपने बचपन के सपने को साकार कर पाता है. बिक्रमजीत कंवरपाल एक ऐसा नाम है, जिन्होंने भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद अपने बचपन के सपने को साकार करने के लिए बॉलीवुड में कदम रखा.

भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेता बिक्रमजीत कंवरपाल ने अपने दमदार अभिनय और अनुशासित व्यक्तित्व से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई. उनकी गंभीर और दमदार सहायक भूमिकाओं ने उन्हें हिंदी सिनेमा और टेलीविजन धारावाहिकों में एक सम्मानित चेहरा बनाया.

29 अगस्त 1968 को Himachal Pradesh के सोलन में जन्मे बिक्रमजीत के पिता द्वारका नाथ कंवरपाल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल थे. उन्हें 1963 में उनकी बहादुरी के लिए ‘कीर्ति चक्र’ से सम्मान‍ित किया गया था. सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले बिक्रमजीत ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सेना को ज्वॉइन किया.

बिक्रमजीत ने 1989 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया और अपनी बहादुरी और साहस का पर‍िचय देने के बाद 2002 में वे मेजर के पद से रिटायर हुए. उन्होंने लगभग 13 साल आर्मी में सेवाएं दी, लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्होंने आराम की जिंदगी जीने के बजाए अपने बचपन के सपने को पूरा करने का मन बनाया.

साल 2003 में उन्होंने पहली फिल्म ‘पाप’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया और यहां से उनकी जिंदगी का नया चैप्टर शुरू हो गया. बिक्रमजीत ने ‘पेज 3’, ‘रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर’, ‘आरक्षण’, ‘मर्डर 2’, ‘2 स्टेट्स’, ‘द गाजी अटैक’, ‘ओम शांति ओम’ और ‘डॉन’ में सहायक भूमिकाएं निभाईं.

इसके अलावा, बिक्रमजीत ने कई मशहूर टीवी शो में भी काम किया, जिनमें 24 (अनिल कपूर के साथ) और वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स शामिल हैं.

भले ही बिक्रमजीत ने फिल्मों में सपोर्ट‍िंग एक्टर का किरदार निभाया, लेक‍िन उन्होंने अपने हर कैरेक्टर में जान डाली. निगेट‍िव हो या पॉजिटिव, उन्होंने हर किरदार के अनुसार खुद को ढाला और दमदार एक्टिंग के दम पर दर्शकों का दिल जीता. उनकी डायलॉग डिलीवरी भी कमाल की थी, जिसका हर कोई कायल था. उनकी आखिरी फिल्म शिनाख्त थी, जिसका निर्देशन प्रज्ञेश सिंह ने किया.

अपने फिल्मी करियर में बिक्रमजीत कंवरपाल ने दर्शकों को कभी निराश नहीं किया. फिल्मों और टीवी शोज में उनकी मौजूदगी हमेशा दर्शकों के लिए यादगार रही. बचपन के अधूरे सपने को पूरा करना शायद उनकी जिंदगी का आखिरी मकसद था. 1 मई, 2021 को कोरोना से लड़ते हुए 52 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली.

एफएम/जीकेटी