कच्छ, 24 मार्च . अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर से 10 मार्च को शुरू हुई बाइक रैली, 24 मार्च को कच्छ के सफेद रेगिस्तान में समाप्त हुई. इस रैली में सुरक्षा एजेंसियों के 12 जवान शामिल हुए. देश के 9 राज्यों से होकर 4,000 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस बाइक रैली का मुख्य उद्देश्य ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संदेश जन-जन तक पहुंचाना था.
देश ने 23 मार्च को भारत के अमर सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद किया. 23 मार्च 1942 को पाकिस्तान के लाहौर में इन युवा क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी. पूरा देश अमर शहीदों को नमन करता है. इसी दिन को ध्यान में रखकर बाइक रैली का आयोजन किया गया. 10 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई गई. थल सेना, बीएसएफ और वायुसेना के जवान संयुक्त रूप से शौर्य यात्रा पर निकले और 14 दिन की यात्रा कच्छ के सफेद रेगिस्तान पर आकर समाप्त हुई.
इस मौके पर कर्नल जितेंद्र मेहता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 10 मार्च को करीब 12 बाइक सवारों ने अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर से बाइक रैली शुरू की और देश के 9 राज्यों से गुजरते हुए 4,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हुए यह रैली कच्छ के धोरडो पहुंची. इस बाइक रैली का उद्देश्य यह दिखाना था कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत है और सैनिकों के बलिदान का सम्मान करना था. इस यात्रा के दौरान देश की सेवा कर चुके पूर्व सैनिकों से भी मुलाकात की गई.
सेना के जांबाज इन 14 दिनों में अरुणाचल प्रदेश, जयरामपुर, दीमापुर, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी, पटना, ग्वालियर, वाराणसी, उदयपुर, अहमदाबाद, होते हुए भुज और कच्छ के रण पहुंचे. इस दौरान अलग-अलग राज्यों में गर्मजोशी से स्वागत किया गया. रैली ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित भी किया, ताकि आने वाले समय में युवा भी राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें.
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एफजेड/