New Delhi, 7 जुलाई . Supreme court ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाताओं की सूची से जुड़े मामले पर विपक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है. Monday को कोर्ट ने सुनवाई की तारीख भी तय कर दी. मामले को सुनवाई के लिए 10 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है. इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कांग्रेस ने 9 अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर चुनाव आयोग के ‘त्रुटिपूर्ण और विनाशकारी’ विशेष गहन पुनरीक्षण को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी. यह एक ऐसा अभ्यास है, जिसकी दुर्भावनापूर्ण और मनमानी प्रक्रिया के कारण भारी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की पूरी आशंका है. पूरा विपक्ष इस जनविरोधी कवायद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है. Supreme court ने इस मामले को सुनवाई के लिए 10 जुलाई को सूचीबद्ध किया है. सत्यमेव जयते.”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का मामला गरमाया है. कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग बिहार में वोटर लिस्ट की जांच कर रहा है. लोगों से कागज दिखाने को कहा गया है, लेकिन इसमें आधार कार्ड और वोटर आईडी शामिल नहीं हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा, “इससे बिहार के करोड़ों मतदाताओं के ऊपर वोटर लिस्ट से बाहर हो जाने का खतरा मंडरा रहा है, जो सरासर अन्याय है. ये वोट का अधिकार छीन लेने की साजिश है, जो सरकार और चुनाव आयोग ने मिलकर रची है.”
इसी तरह अन्य दलों ने भी आरोप लगाते हुए Supreme court का रुख किया है. याचिकाओं में कहा गया है, “चुनाव आयोग का यह फैसला मनमाना है और इसके चलते बिहार के लाखों मतदाताओं का मतदान का अधिकार छिन जाएगा.”
Supreme court ने बिहार में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट “विशेष गहन पुनरीक्षण” के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है.
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डीसीएच/केआर