बिहार एसआईआर विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई 12 और 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की

New Delhi, 29 जुलाई . बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर Supreme court ने Tuesday को अहम टिप्पणी की. चुनाव आयोग द्वारा तैयार की जा रही मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के बाहर हो जाने की आशंका पर अदालत ने कहा कि यदि ‘सामूहिक रूप से बाहर करने’ की कोई स्थिति आती है, तो Supreme court हस्तक्षेप करेगा.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 12 और 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की है.

Supreme court ने याचिकाकर्ताओं की इस आशंका को दूर करने की कोशिश की कि चुनाव आयोग की ओर से तैयार की जा रही मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर किया जा रहा है.

Tuesday को सुनवाई के दौरान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण पेश हुए. उन्होंने कहा कि जिन 65 लाख लोगों ने फॉर्म जमा नहीं किया, उन्हें बाहर कर दिया गया है. चुनाव आयोग का दावा है कि वे या तो मर चुके हैं या स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं. प्रशांत भूषण ने पीठ को बताया कि इन लोगों को सूची में शामिल होने के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा.

Supreme court ने कहा कि अगर बड़े पैमाने पर लोगों को बाहर किया गया है, तो अदालत इस पर गौर करेगी ऐसे मामलों को अदालत के संज्ञान में लाया जाना चाहिए. जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हम बात सुनेंगे. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और उससे अपेक्षा की जाती है कि वह कानून के अनुसार कार्य करे.”

वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए Supreme court में पेश हुए. अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने अदालत को बताया कि अभी तक सिर्फ ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित हुई है. लोग आपत्तियां दर्ज कराने के लिए स्वतंत्र हैं. अंतिम सूची 15 सितंबर के आसपास आने की उम्मीद है.

डीसीएच/केआर