बिहार: राजद ने एक बार फिर ईवीएम पर फोड़ा हार का ठीकरा, नेताओं में असंतोष

Patna, 17 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता चुनावी परिणाम पर मंथन कर रहे हैं. राजद नेता परिणाम को अप्रत्याशित बता रहे हैं. उनका कहना है कि बिना किसी हेराफेरी के एनडीए की इतनी भारी जीत संभव नहीं है.

इस क्रम में राजद ने Monday को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक बुलाई. इस बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपChief Minister तेजस्वी यादव, सभी विजयी विधायक और हारे हुए उम्मीदवार शामिल हुए.

सूत्रों के अनुसार, पार्टी अभी भी एनडीए की व्यापक जीत को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पाई है और कानूनी रास्ते से नतीजों को चुनौती देने की संभावना तलाश रही है. परबत्ता के पूर्व विधायक संजीव कुमार ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कड़ा असंतोष व्यक्त किया.

उन्होंने दावा किया कि परिणाम निश्चित रूप से आश्चर्यजनक हैं. किसी तरह की हेराफेरी के बिना यह असंभव है.

उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि एनडीए की जीत पूरी तरह से विकास कार्यों के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि यह नीतीश कुमार के विकास की जीत है. वह पिछले कई सालों से विकास कर रहे थे, लेकिन उन्हें ऐसा परिणाम नहीं मिला. मैंने भी अपने क्षेत्र में विकास कार्य किए, फिर भी मैं हार गया. संजीव ने ईवीएम में हेराफेरी के आरोपों को दोहराया.

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही 65 सीटों की सूची तैयार कर ली गई थी. मेरी सीट उस सूची में थी. सूची एक अधिकारी के पास थी, और मैंने खुद उसे देखा है. इन 65 सीटों को निशाना बनाया गया था. उन्होंने राजद उम्मीदवारों की जीत के अंतर पर भी सवाल उठाए.

राजद के 25 विधायक जो जीते, उनमें से कई के 50,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने की उम्मीद थी, लेकिन वे सिर्फ दस से ग्यारह हजार वोटों से ही जीत पाए. उन्होंने आगे कहा कि राजद का कुल वोट शेयर, लगभग 1.8 करोड़ वोट, साफ दिखाता है कि अंतिम सीटों की गिनती के बावजूद पार्टी को व्यापक समर्थन मिला.

मनेर विधायक भाई वीरेंद्र ने भी इसी तरह के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ईवीएम में धोखाधड़ी हुई है, और हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा. उन्होंने दावा किया कि डाक मतपत्रों की गिनती के दौरान राजद उम्मीदवार आगे चल रहे थे, लेकिन ईवीएम की गिनती शुरू होते ही स्थिति उलट गई.

एमएस/डीकेपी