शेखपुरा, 21 जुलाई . केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से आम जनमानस को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना’ (पीएमएफएमई) इसी में से एक है, जिससे बिहार के शेखपुरा के छोटे उद्यमी भी लाभान्वित हो रहे हैं.
‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना’ का बड़ा लाभ छोटे उद्यमियों को मिल रहा है. योजना के लाभार्थी इसके माध्यम से खुद का रोजगार सृजन ही नहीं बल्कि लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. इस योजना से लोग अपना खुद का छोटा उद्योग शुरू करके जीवन संवार रहे हैं.
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुजात ने को बताया कि इस योजना के तहत राइस मिल, दुग्ध उत्पाद, फल आधारित उद्योग, आटा चक्की, चिप्स, पापड़, नमकीन, बिस्कुट, अचार एवं मुर्गी चारा उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है. यह सरकार की ओर से लोगों को बहुत राहत देने वाली योजना है. इस योजना के तहत अलग-अलग तरह के छोटे उद्योग शुरू करने वाले लाभार्थियों को सरकार की तरफ से लाखों रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है.
उन्होंने कहा कि बेरोजगार लोग, जो अपना खुद का काम करना चाहते हैं, जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से इस योजना के लिए अप्लाई करते हैं और हम उन्हें बैंकों के माध्यम से लोन दिलाने का प्रयास करते हैं. भारत सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है, जिसमें अधिकतम सीमा 35 लाख की है. सरकार ने शेखपुरा में 90 लोगों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य दिया है, लेकिन 400-500 की संख्या के करीब आवेदन आते हैं. कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिले.
योजना के लाभार्थी संजय गुप्ता ने कहा कि उद्योग विभाग से योजना का लाभ मिला. यह बहुत ही अच्छा है. लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं. अभी वर्तमान में 12 से 15 लोग मेरे उद्योग से जुड़कर काम कर रहे हैं. हमें जो सहयोग मिला, उसके लिए सरकार को धन्यवाद करते हैं.
अन्य लाभार्थी दीपक कुमार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना’ के तहत 45 लाख का लोन मिला. उद्योग विभाग से संपर्क करने पर उन्होंने इस स्कीम के बारे में बताया. हमें 35 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिली है.
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एससीएच/एबीएम