बिहार: नीतीश कुमार 10वीं बार लेंगे सीएम पद की शपथ, समारोह में शामिल होंगे प्रधानमंत्री मोदी

Patna, 20 नवंबर . Chief Minister के रूप में नीतीश कुमार Thursday को सुबह 11.30 बजे गांधी मैदान में शपथ लेंगे. यह उनका Chief Minister के रूप में 10वां कार्यकाल होगा. Prime Minister Narendra Modi शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए Patna पहुंचेंगे. इसके साथ ही, कई एनडीए शासित राज्यों के Chief Minister भी इस समारोह में उपस्थित होंगे.

गांधी मैदान पर आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम हाल के कुछ सालों में सबसे बड़ी Political सभाओं में से एक माना जा रहा है. Prime Minister मोदी के अलावा, समारोह में देश के गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ और Maharashtra के Chief Minister देवेंद्र फडनवीस भी उपस्थित रहेंगे.

कार्यक्रम में तीन लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन ने अतिरिक्त Police बल तैनात किया है, निगरानी कैमरे लगाए गए हैं और आपातकालीन चिकित्सा इकाइयों को स्टैंडबाय पर रखा गया है, ताकि समारोह के सुचारू रूप से आयोजन को सुनिश्चित किया जा सके.

Wednesday को, नीतीश कुमार ने Governor आरिफ मोहम्मद खान को निवर्तमान Chief Minister पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिससे नई Government के गठन का रास्ता साफ हो गया. इस दौरान उनके साथ Union Minister चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और उत्तर प्रदेश के उपChief Minister केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे.

नीतीश कुमार का Political सफर चार दशकों का है. उनकी Political यात्रा की शुरुआत 1985 में जनता दल से हुई थी, जब उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता. शुरुआती वर्षों में उन्होंने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर काम किया. जब 1989 में लालू प्रसाद विपक्ष के नेता बने थे, लेकिन धीरे-धीरे मनमुटाव के कारण नीतीश कुमार और उनकी साझेदारी टूट गई.

1994 में, नीतीश ने लालू प्रसाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विद्रोह में भाग लिया, जिसमें 14 सांसदों ने जॉर्ज फर्नांडीस के नेतृत्व में दल-बदल कर जनता दल (जॉर्ज) बनाई, जो बाद में समता पार्टी में तब्दील हो गई. यह नीतीश कुमार के लिए एक महत्वपूर्ण Political मोड़ था, क्योंकि उन्होंने लालू से अलग होकर अपनी स्वतंत्र Political पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया.

1996 में उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाया, जो उनके लिए एक लंबा और अक्सर उथल-पुथल भरा गठबंधन साबित हुआ. वे अटल बिहारी वाजपेयी की Government में रेलवे मंत्री रहे, जहां उन्होंने कई सुधारों की शुरुआत की थी और अच्छा प्रदर्शन किया था.

नीतीश कुमार का Chief Minister बनने का पहला दौर 2000 में हुआ था, लेकिन गठबंधन में संख्याबल की कमी के कारण उनकी Government सात दिन के भीतर गिर गई. 2005 में उनकी शानदार वापसी हुई, जब उन्होंने लालू प्रसाद यादव के 15 साल के शासन को समाप्त किया और बिहार में ‘नए दौर’ की शुरुआत की. नीतीश कुमार ने लगभग एक दशक तक बिना किसी गंभीर Political चुनौती के शासन किया.

2013 में भाजपा से रिश्ते टूटने के बाद नीतीश कुमार ने Narendra Modi को Prime Minister उम्मीदवार घोषित करने के खिलाफ विरोध जताया. यह कदम Political अस्थिरता का कारण बना और जनता दल (यूनाइटेड) की स्थिति कमजोर हुई.

2015 में, नीतीश ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन का गठन किया और भाजपा को हराकर सत्ता में लौटे. हालांकि, यह साझेदारी भी ज्यादा दिन नहीं चली और 2017 में नीतीश कुमार ने गठबंधन छोड़ दिया और फिर से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए.

2022 में भाजपा पर जनता दल (यूनाइटेड) को तोड़ने का आरोप लगाते हुए नीतीश ने एनडीए से बाहर निकलकर महागठबंधन में वापसी की, लेकिन यह अध्याय भी सिर्फ दो साल चला. अब 2024 के आम चुनावों से ठीक पहले नीतीश कुमार ने फिर से एनडीए में वापसी की.

एनडीए के साथ नीतीश कुमार का साथ फिलहाल बरकरार है और इसी का नतीजा है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने दूसरी बार 200 से अधिक का आंकड़ा पार किया. 2010 में एनडीए को 206 सीटें मिली थीं और इस बार भाजपा-जदयू वाले गठबंधन ने 202 सीटों पर जीत हासिल की है.

डीसीएच/