बिहार : निर्मला देवी, भीम सिंह भवेश, डॉ. हेमंत कुमार, सुरिश्वर महाराज ने कला और समाजसेवा के क्षेत्र में किया कमाल

पटना, 26 जनवरी . भारत सरकार ने शनिवार को पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की. राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है. इसमें बिहार की सात हस्तियां शामिल हैं. इनमें शारदा सिन्हा, सुशील मोदी और आचार्य किशोर कुणाल, भीम सिंह भवेश, डॉ. हेमंत कुमार, निर्मला देवी एवं विजय नित्यानंद सुरिश्वर महाराज के नाम हैं.

निर्मला देवी को कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. दरअसल, निर्मला देवी को मां से विरासत में कला मिली और उन्होंने इसे आगे बढ़ाने का काम किया. मुजफ्फरपुर के गायघाट की भुसरा गांव निवासी सुजनी कलाकार निर्मला देवी पिछले 39 सालों से कपड़ों में सुजनी बना रही हैं.

76 वर्षीय निर्मला देवी ने सुजनी कढ़ाई कला को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान दी. इसके लिए उन्हें पहले भी कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर और राज्यस्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. निर्मला देवी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हजारों महिलाओं को सुजनी कला से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का पाठ पढ़ा दिया.

निर्मला देवी पहले पुराने कपड़ों में कढ़ाई करती थीं, लेकिन जब उनकी कला को लोग पसंद करने लगे, तब उन्होंने नए कपड़ों में कढ़ाई की और उसके बाद उनकी कला की सराहना गांव से बाहर भी मिलने लगी.

वहीं, आरा के रहने वाले भीम सिंह भवेश की पहचान ऐसे तो पत्रकार के रूप में होती है, लेकिन समाज के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना ने उन्हें समाजसेवा के क्षेत्र में उतार दिया और फिर सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. वह पिछले दो दशक से मुसहर समाज के लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भवेश के कार्यों की चर्चा की थी, तब से वह चर्चा में हैं. भवेश ने मुसहर समाज के बच्चों पर फोकस किया और अब तक करीब आठ हजार से अधिक मुसहर बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया. पुरस्कार की घोषणा के बाद भवेश ने प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता जताते हुए कहा कि सरकार ने उनका हौसला बढ़ाया है. वह अपने इस प्रयास को अब अन्य जिलों में भी लेकर जाएंगे.

इधर, श्वेतांबर जैन मूर्ति पूजक परंपरा के मुनि 70 वर्षीय विजय नित्यानंद सुरिश्वर जी महाराज को भी अध्यात्म के क्षेत्र में पद्म श्री सम्मान से नवाजा जाएगा. उन्होंने पंजाब से निकलकर बिहार सहित पूरे देश में बड़ा काम किया. शिक्षा और तीर्थ के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए. उन्होंने पावापुरी, राजगीर, कण्डलपुर, और लछुआर का विहार किया. लछुआर में इन्होंने जैन अस्पताल का निर्माण करवाया. उनके पद्मश्री मिलने की घोषणा के बाद जमुई के लोगों में खुशी है.

पद्म श्री से सम्मानित होने वाले विजय नित्यानंद सुरिश्वर जी महाराज 25 साल पहले 2001 में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मस्थली लछुआर आए थे. उस समय दो दिनों के प्रवास के दौरान जैन मुनि ने यहां पर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सेवा करने की जरूरत को महसूस किया था, जिसके बाद उन्हीं की पहल से यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 125 बेड का भगवान महावीर अस्पताल का निर्माण हुआ. तब से आज तक यहां हजारों मरीजों को लाभ मिला है.

बताया जाता है कि बाल्यकाल में ही इन्होंने जैन धर्म की दीक्षा ली और परिवार छोड़ समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वावलंबन का प्रकाश फैलाने के लिए सैकड़ों सामाजिक संस्थाओं की स्थापना कर वह आगे बढ़ते गए.

पटना के मशहूर चिकित्सक डॉ. हेमंत कुमार भी पद्मश्री से सम्मानित होने वाले लोगों में शामिल हैं. किडनी रोग के प्रसिद्ध चिकित्सक हेमंत नेफ्रोलॉजिस्ट के क्षेत्र में चर्चित नाम हैं. पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान से अपने करियर की शुरुआत करने वाले हेमंत पटना के कई अस्पतालों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. उन्होंने मरीजों को केवल मरीज समझकर नहीं, बल्कि अपने परिवार का सदस्य मानकर सेवा की है.

एमएनपी/एएस