बिहार के साथ सौतेला व्यवहार हुआ : विधायक महबूब आलम

पटना, 23 जुलाई . बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बहस छिड़ी हुई है. विपक्षी राजद और भाकपा नीतीश कुमार का विरोध कर रही हैं. विपक्षी नेता नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

भाकपा (माले) के विधायक महबूब आलम ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पिछले 20 साल से उठाई जा रही है. नीतीश कुमार ने भी बार-बार यह मुद्दा उठाया है. इसके साथ बिहार का विकास जुड़ा हुआ है.

उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने 1969 में अनुशंसा की थी कि जो राज्य विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन्हें विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए. बिहार की जनता को नीतीश कुमार के ऊपर भरोसा था कि वे प्रधानमंत्री से मिलकर विशेष राज्य का दर्जा लेकर ही छोड़ेंगे, लेकिन राज्य के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है.

विधायक ने कहा, “अब भी हिंदुस्तान के 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा है, जिसमें असम भी शामिल है. ब्रह्मपुत्र नदी की विभीषिका आपको दिखती है, लेकिन कोसी, गंडक, महानंदा और पुनपुन की विभीषिका नहीं दिखती.”

उन्होंने कहा, “आज राज्य में उद्योग धंधे बंद हो गए हैं. बिहार के करीब दो करोड़ मजदूरों को पलायन करना पड़ता है. पूरे देश में मजदूर का पारिश्रमिक, उसका रेट घटाने का आरोप बिहार के मजदूरों पर लगता है.”

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दोहरे चरित्र को उजागर करेंगे. जब तक विशेष राज्य का दर्जा बिहार को नहीं मिलेगा तब तक हम सरकार की नाक में दम कर देंगे. नीतीश कुमार को बिहार की जनता को जवाब देना होगा. हम उनका विरोध करके बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करेंगे.

एसएम/एकेजे