बिहार : कोसी का जलस्राव 5.79 लाख क्यूसेक पहुंचा, संवेदनशील स्थलों पर अभियंताओं की तैनाती

पटना, 28 सितंबर . नेपाल में दो दिनों से हो रही बारिश के कारण गंडक, कोसी, महानंदा, बागमती नदियां उफान पर हैं. इस बीच शनिवार शाम सात बजे वीरपुर बैराज के पास कोसी का जल स्राव 5.79 लाख क्यूसेक पहुंच गया. कोसी के रौद्र रूप को देखते हुए जल संसाधन विभाग एहतियातन सभी उपाय कर रहा है. इस बीच, डरे सहमे लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं.

जल संसाधन विभाग ने मानसून के इस सीजन का अधिकतम जलस्राव प्रवाहित होने की संभावना जताई है. शनिवार शाम सात बजे गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से 5.38 लाख क्यूसेक और कोसी बराज, वीरपुर से 5.79 लाख क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ है. कोसी बराज, वीरपुर पर एहतियातन आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता सभी संवेदनशील स्थलों पर कैंप कर रहे हैं. संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थलों के बेहतर पर्यवेक्षण के लिए 45 कनि‍ष्‍ठ अभियंताओं, 25 सहायक अभियंताओं, 17 कार्यपालक अभियंताओं एवं तीन अधीक्षण अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति भी की गई है.

सभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ सामग्रियों का भंडारण कराया गया है. तटबंध के प्रत्येक किलोमीटर पर तटबंध श्रमिकों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है. बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभागीय स्तर पर जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल के नियंत्रणाधीन एवं अभियंता प्रमुख स्तर के पदाधिकारी के प्रभार में 24 घंटे एवं तीन पाल‍ियों में आगामी 72 घंटों के लिये कार्यरत ‘वार रूम’ स्थापित किया गया है.

संभावित बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर को सभी आवश्यक एहतियाती कार्रवाई करने, तटबंध के नदी भाग में रहने वालों के लिए बाढ़ आपदा के लिए जिला प्रशासन के स्तर से गश्ती कराने का निर्देश दिया गया है. प्रधान सचिव ने अन्य वरि‍ष्‍ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में शनिवार को स्थिति एवं तैयारियों की समीक्षा की.

बताया गया कि फिलहाल राज्य के सभी तटबंध एवं संरचनाएं पूर्णतः सुरक्षित हैं. सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए सतत निगरानी एवं चौकसी बरती जा रही है. तटबंधों को सुरक्षित रखते हुए जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग तथा जिला प्रशासन के अधिकारी एवं अभियंता दिन-रात तैनात हैं, तथा हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

एमएनपी/