बिहार : गया पितृपक्ष मेले में भीड़ प्रबंधन की बनी रणनीति, डीएम ने मेला क्षेत्र का किया निरीक्षण

पटना, 29 अगस्त . बिहार के गया में 17 सितंबर से पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो जाएगी. इसके मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर तैयारियां काफी तेजी से चल रही हैं. पितृपक्ष के दौरान लाखों लोग गया आते हैं, जो अपने पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए तर्पण करते हैं. इस साल इस मेले में भीड़ प्रबंधन को लेकर पुख्ता तैयारी की जा रही है.

भीड़ प्रबंधन को लेकर पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं. दरअसल, सभी नदियों, तालाब में जलस्तर बढ़ा हुआ है. पितृपक्ष में विभिन्न सरोवरों, नदियों में तर्पण किया जाता है. ऐसे में पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इधर, गया के जिला पदाधिकारी त्यागराजन एसएम ने मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थलों, विभिन्न पार्किंग स्थलों, विभिन्न सड़कों पर घूम-घूमकर व्यवस्था का निरीक्षण किया.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष विष्णु पथ पर यात्रियों की सुविधा को देखते हुए नये पाथवे का निर्माण तेजी से करवाया जा रहा है. इस पितृपक्ष मेले में इस नए अप्रोच पथ का उद्घाटन भी किया जाएगा. इस अप्रोच पथ पर जल संसाधन विभाग द्वारा पर्याप्त लाइटें भी लगवाई जा रही हैं. मेले के पश्चात इन लाइटों का रखरखाव नगर निगम द्वारा किया जाएगा.

पितृपक्ष मेला क्षेत्र में रोशनी की व्यवस्था के लिए ईईएसएल 3,584 स्ट्रीट लाइटें तथा निगम द्वारा 435 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं. पितृपक्ष मेला क्षेत्र में कुल 17 हाई मास्ट लाइट तथा 34 मिनी हाई मास्ट लाइट हैं जिनमें सर्वे के उपरांत पांच हाई मास्ट लाइट तथा 15 मिनी हाई मास्ट लाइट खराब पाई गईं जिनकी मरम्मति की प्रक्रिया चल रही है.

इसके अलावा सीता कुंड द्वार से सीता पथ तक एवं चंद चौराहा से विष्णुपद मंदिर तक सजावटी लाइट से पूरे मेला क्षेत्र में एक आकर्षक स्वरूप दिया जाएगा. इस वर्ष मेला क्षेत्र के विभिन्न बिजली पोल पर रोप लाइट लगाए जाएंगे. निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि रेलवे स्टेशन से मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी सुविधा मिले. जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त गया नगर निगम को निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखें. मेला क्षेत्र में पड़े विभिन्न स्थानों के कचरे की रातों-रात सफाई कराएं.

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 17 सितंबर से पितृपक्ष मेले का आगाज होगा. पितृपक्ष मेले के दौरान देश ही नहीं विदेश से लाखों तीर्थ यात्रा ‘गया जी’ आकर पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. इसमें पितरों का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि पितृ प्रसन्न होने पर जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं. पितृपक्ष की वजह से ही गया बिहार का एकमात्र ऐसा शहर है जिसे लोग ‘गया जी’ कहते हैं. बाहर के श्रद्धालु भी ‘गया जी’ संबोधित करते हैं.

विश्व प्रसिद्ध इस मेले को 2015 में राजकीय मेले का दर्जा मिला था. अब इस मेले को अंतर्राष्ट्रीय मेला का दर्जे की मांग उठने लगी है.

एमएनपी/एकेजे