बिहार चुनाव 2025: अस्थावां विधानसभा सीट पर 20 साल से जदयू का दबदबा, क्या राजद लगा पाएगी नीतीश के गढ़ में सेंध?

Patna, 18 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव में नालंदा जिले की अस्थावां विधानसभा सीट एक बार फिर से Political चर्चा का केंद्र बनी हुई है. यहां जदयू ने जितेंद्र कुमार, राजद ने रवि रंजन कुमार और जन स्वराज पार्टी ने लता सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है.

अस्थावां, नालंदा जिले का एक प्रमुख प्रखंड है, जो जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से लगभग 11 किलोमीटर पूर्व स्थित है. यह क्षेत्र ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कृषि दृष्टि से अत्यंत समृद्ध माना जाता है. इसके पास ही विश्वप्रसिद्ध नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) और पावापुरी जैसे धार्मिक स्थल स्थित हैं.

अस्थावां के निकट से बहने वाली फल्गु नदी इस इलाके की जीवनरेखा मानी जाती है. इसका उपजाऊ भूभाग कृषि को मुख्य आजीविका के रूप में स्थापित करता है.

अस्थावां का इतिहास सदियों पुराना है. यह क्षेत्र कभी मगध साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था और आसपास के गांवों के लिए यह स्थानीय व्यापार केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा है. नालंदा विश्वविद्यालय की निकटता ने यहां की संस्कृति, शिक्षा और जीवनशैली को गहराई से प्रभावित किया है.

अस्थावां का गिलानी गांव अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाना जाता है. यहां के आम देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं. इस गांव की एक और अनोखी बात यह है कि चाहे हिंदू हों या मुस्लिम, लगभग सभी लोग अपने नाम के आगे ‘गिलानी’ सरनेम लगाते हैं. अस्थावां प्रखंड का जियर गांव भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यह गांव भगवान सूर्य नारायण की पूजा और वैष्णव परंपरा के पालन के लिए जाना जाता है.

Political इतिहास की बात करें तो अस्थावां विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी. यह नालंदा Lok Sabha क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जिसमें अस्थावां, बिंद और सरमेरा प्रखंड व बरबीघा प्रखंड का एक भाग शामिल है. अब तक इस सीट पर 18 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2001 का उपचुनाव भी शामिल है.

Chief Minister नीतीश कुमार, जो नालंदा जिले से ही आते हैं, का इस सीट पर गहरा प्रभाव रहा है. 2001 के बाद से जदयू या उसकी पूर्ववर्ती पार्टी समता पार्टी ने यहां लगातार छह बार जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात यह है कि 1985 से 2000 तक यहां निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा रहा. उन्होंने चार बार लगातार और कुल पांच बार जीत हासिल की.

अब तक इस सीट पर कांग्रेस चार बार, जनता पार्टी दो बार और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी एक बार जीत चुकी है. जबकि भाजपा और राजद जैसी बड़ी पार्टियां अब तक यहां अपना खास प्रभाव नहीं बना सकी हैं. राजद को इस सीट पर पहली जीत का इंतजार है.

डीसीएच/वीसी