पटना, 2 मई . बिहार के उपमुख्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को ‘जनता दरबार’ के तहत लोगों की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान भी सुझाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों ने विभिन्न विभागों में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत की है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि अब लोग विकास को लेकर गंभीर हो चुके हैं. सूबे की जनता अब यह चाहती है कि हमारा प्रदेश दोहरी गति से आगे बढ़े. अब लोग खुद सामने आकर विकास से संबंधित गतिविधियों में रुचि ले रहे हैं. यह सभी के लिए सुखद संकेत है.
विजय सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य सरकार संयुक्त रूप से इस प्रयास में जुटी हुई हैं कि विकास से संबंधित गतिविधियां गति पकड़े.
जातिगत जनगणना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जो लोग लंबे समय से जाति के नाम पर जहर फैलाते आए हैं, ऐसे लोगों से भला जातिगत जनगणना की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हमने खुद सदन में जातिगत जनगणना पर समर्थन दिया था. उन्होंने खुद इस बात पर बल दिया था कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. यही नहीं, जब हम नेता प्रतिपक्ष के पद पर थे, उस वक्त भी हमने जातिगत जनगणना का समर्थन किया था.
उन्होंने ये बातें तेजस्वी यादव के उस पोस्ट के संदर्भ में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, “आप मेहरबानी करके मुद्दे को लटकाने और भटकाने की कोशिश मत कीजिए. आपके माता-पिता 15 साल तक बिहार की सत्ता में रहे और आपकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस 50 साल तक देश पर शासन करती रही, लेकिन आज तक इन लोगों ने कभी जातिगत जनगणना पर विचार करना जरूरी नहीं समझा और अब केंद्र की मोदी सरकार ने इसे कराने का फैसला किया है, तो आप लोग बेकार में इस मुद्दे को लेकर श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.”
उन्होंने कहा कि ये जाति की बात इसलिए करते हैं, क्योंकि ये लोग जाति का सहारा लेकर सत्ता तक पहुंचेंगे. ये लोग भला प्रधानमंत्री मोदी की उस अवधारणा पर विश्वास नहीं रखते हैं कि सबका साथ और सबका विकास होना चाहिए. इन लोगों को न ही किसी के साथ से मतलब है और न ही किसी के विकास से मतलब है.
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एसएचके/एकेजे