बिहार : दीपा मांझी ने इमामगंज उपचुनाव के लिए दाखिल किया नामांकन

पटना, 24 अक्टूबर . हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की उम्मीदवार दीपा मांझी ने गुरुवार को इमामगंज सुरक्षित सीट उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.

अपने ससुर और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी के साथ उन्होंने एसडीएम कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया.

जीतन राम मांझी को बिहार में वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी पार्टी के टिकट पर बहू को चुनाव मैदान में उतारा गया है.

हालांकि उन्होंने इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि दीपा एक प्रतिबद्ध और मेहनती महिला हैं और पारिवारिक संबंधों से परे उनकी योग्यता के आधार पर टिकट दिया गया है. वह राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं. पहले वह जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं और जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव महज दो वोटों से हार गई थी. उस समय उनकी शादी नहीं हुई थी. वह पहले एक समर्पित कार्यकर्ता हैं और उसके बाद उनकी पुत्रवधू हैं. उपचुनाव में दीपा मांझी की जीत तय है.

मांझी ने इमामगंज निर्वाचन क्षेत्र में हुए सकारात्मक बदलावों के बारे में भी बात करते हुए कहा कि 2015 से पहले यह क्षेत्र बम विस्फोटों और झूठे कानूनी मामलों सहित हिंसा के लिए जाना जाता था, जिससे लोगों में असुरक्षा का माहौल था. हमने इस क्षेत्र में विधायक के रूप में शांति और सुरक्षा कायम करने का काम किया.

नामांकन के बाद दीपा मांझी ने अपने ससुर जीतन राम मांझी द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में शुरू किए गए विकास के कामों को आगे बढ़ाने की बात कही.

दीपा मांझी ने कहा कि हमें लोगों से व्यापक समर्थन मिल रहा है और मैं निर्वाचन क्षेत्र में बचे हुए विकास के कामों को कराने का वादा करती हूं. मैं विकास पर ध्यान केंद्रित करूंगी, खासकर महिला सशक्तिकरण, छोटे रोजगार के अवसर पैदा करने और शिक्षा में सुधार पर हमारा फोकस रहेगा.

उनकी मुख्य प्राथमिकताओं में से एक क्षेत्र में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की कमी को दूर करना होगा, उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के लिए बेहतर अस्पताल की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, “मेरे ससुर जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल के दौरान इस विधानसभा क्षेत्र में विकास के महत्वपूर्ण काम किए. इसके बावजूद अभी भी काम किया जाना बाकी है और मैं उनके अधूरे सपनों को पूरा करना चाहती हूं.

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष की अफवाहों को भी खारिज कर दिया और कहा कि ये दावे विपक्ष के दुष्प्रचार का परिणाम हैं.

एकेएस/जीकेटी