बिहार : मुख्यमंत्री अति पिछड़ा उद्यमी योजना से बगहा में युवाओं को मिला रोजगार, आत्मनिर्भरता की चुनी राह

बगहा, 2 अक्टूबर . बिहार के बगहा में Chief Minister अति पिछड़ा उद्यमी योजना ने अति पिछड़े समुदाय के युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोल दिए हैं. इस योजना ने न केवल बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान किया है, बल्कि उनके माध्यम से समाज के अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है.

इस योजना के लाभार्थी संतोष कुमार उरांव ने कहा कि इस योजना से न केवल हमें आर्थिक सहायता मिली है बल्कि स्वरोजगार का एक मंच भी प्राप्त हुआ. Chief Minister उद्यमी योजना के तहत हमें लाभ मिला है. पहले हम बेरोजगार थे, लेकिन अब हमारी दुकान अच्छी चल रही है. हमारे साथ दो और लोग काम कर रहे हैं, जिन्हें भी रोजगार मिला है. हमारी दुकान न केवल उनकी आजीविका का साधन बनी है, बल्कि स्थानीय स्तर पर अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए भी अवसर सृजित कर रही है.

इसी तरह, सुजीत कुमार उरांव ने इस योजना के तहत आईटी सर्विस सेक्टर में कदम रखा है. उन्होंने बताया, “हमारे सेंटर पर कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे पूरे पंचायत के लोग लाभान्वित हो रहे हैं. अन्य पंचायतों के लोग भी हमारे काम से प्रभावित होकर सेवाएं लेने आते हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि कॉलेज पास करने के बाद नौकरी न मिलने पर हमने इस योजना का सहारा लिया और आज न केवल हम आत्मनिर्भर हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आईटी से संबंधित समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं. हम Government की योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने और उनके फॉर्म भरने जैसे कार्यों में भी सहायता करते हैं.

अन्य लाभार्थी अरविंद कुमार उरांव की कहानी भी प्रेरणादायक है. उन्होंने कहा, “इस योजना ने मेरे जीवन को बदल दिया. अब मेरे साथ 10 लोगों का परिवार इस दुकान के माध्यम से अपनी आजीविका चला रहा है. पहले हम बेरोजगारी से जूझ रहे थे, लेकिन अब यह योजना हमारे लिए वरदान साबित हुई है. हमारी दुकान न केवल हमारे परिवार, बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रही है.”

Chief Minister अति पिछड़ा उद्यमी योजना ने बगहा के युवाओं को नई दिशा दिखाई है. यह योजना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामुदायिक विकास में भी योगदान दे रही है. बिहार Government की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या को कम करने और आर्थिक समृद्धि लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.

एकेएस/जीकेटी