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Patna, 22 जुलाई . बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण को लेकर पक्ष और विपक्ष एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. विपक्ष का कहना है कि जब तक मतदाता पुनरीक्षण वापस नहीं लिया जाता, तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. केंद्र Government का यह कदम लोकतंत्र पर कुठाराघात है, जबकि सत्तापक्ष के नेताओं का कहना है कि अगर मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया के तहत फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो कांग्रेस और राजद को इससे दर्द क्यों हो रहा है?
सीपीआई माले के विधायक महबूब खान ने कहा कि जब तक मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी. हम इसके विरोध में प्रदर्शन करते रहेंगे. इस संबंध में सदन में कार्य स्थगन दिया गया है. इसे स्वीकृत किया जाए, नहीं तो हमारी यह लड़ाई सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह जारी रहेगी. अब तक 73 लाख लोगों का नाम काटा जा चुका है. आने वाले दिनों में 2 करोड़ लोगों का नाम काटने की साजिश है. जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं. हम इसके विरोध में हल्ला बोलते रहेंगे.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने मतदाता पुनरीक्षण को केंद्र Government की तरफ से होने वाला काम बताया और कहा कि ऐसा करके केंद्र Government वोट बंदी की कोशिश करना चाहती है. हम चाहते हैं कि इस पर खुलकर चर्चा हो. लेकिन, Government इस पर किसी भी प्रकार की चर्चा के लिए तैयार नहीं है.
कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने मतदाता पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की और कहा कि Government चर्चा से बच रही है. ऐसा करके यह Government हम लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. यह लोग लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं. यह लोग संविधान को कुचलना चाहते हैं. यह लोग गरीब तबके को वोट देने से वंचित करना चाहते हैं. अब इस तरह का राज बिहार में नहीं चलेगा.
बिहार Government में मंत्री प्रेम कुमार ने मतदाता पुनरीक्षण के फायदे बताए. उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण क दौरान अब तक 18 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं और 26 लाख व्यक्ति अस्थायी रूप से प्रदेश से बाहर चले गए हैं. इलेक्शन कमीशन अच्छा काम कर रही है. दो जिले ऐसे हैं, जहां पर जनसंख्यिकी पूरी तरह से बदल चुकी है. अगर उत्तर बिहार की बात करें, तो कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हिंदुओं की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. यह चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण से India में फर्जी तरीके से रह रहे लोगों पर अंकुश लग सकेगा. इससे राजद और कांग्रेस की दुकानें बंद होंगी. विरोधी दलों को इलेक्शन कमीशन का साथ देना चाहिए. साथ ही, मैं मांग करता हूं कि पूरे देश में मतदाता पुनरीक्षण कराए जाएं, ताकि फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सके.
भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि चुनाव आयोग का कहना है कि बिहार में 52 लाख मतदाता फर्जी पाए गए हैं. अब जब ऐसे सभी फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है, जो इस बात का प्रमाण है कि इन्हीं लोगों ने फर्जी लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाया था. यह लोग फर्जी वोटिंग करते थे. आखिर आप लोग फर्जी मतदाताओं की पैरवी क्यों कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में पुनरीक्षण करके अच्छा कदम उठाया है. इससे विपक्ष के लोगों को मिर्ची लगी हुई है और यह लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लोकतंत्र में फर्जी मतदाताओं का क्या काम है.
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एसएचके/जीकेटी