Patna, 22 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में होने वाले मतदान की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे कई सीटों पर मतदाताओं की उत्सुकता बढ़ती जा रही है कि क्या इस बार बदलाव होगा या कोई नई पार्टी का विधायक उनका प्रतिनिधित्व करेगा. भोजपुर जिले की संदेश विधानसभा सीट पर भी मतदाता इसी सवाल से जूझ रहे हैं.
इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. 2015 और 2020 में लगातार जीत हासिल कर चुकी राजद यहां हैट्रिक लगाने को बेताब है, जबकि जदयू अपने तीर से इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए तैयार है.
राजद ने इस बार दीपू सिंह राणावत को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं जदयू ने राधाचरण साह को टिकट दिया है.
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान नजदीक है, और यहां के मतदाता रोजमर्रा की मुश्किलों से जूझते हुए बदलाव की उम्मीद लगाए हैं.
बाढ़, बेरोजगारी, खराब स्वास्थ्य सेवाएं और टूटी सड़कें, ये मुद्दे चुनावी बहस का केंद्र बन रहे हैं. यहां बाढ़ की समस्या से किसानों को दो चार होना पड़ता है. किसानों की फसलें डूब जाती हैं और घर उजड़ जाते हैं. तटबंध मजबूत करने के वादे कागजों तक सिमटे हैं, और सिंचाई सुविधाओं की कमी किसानों को परेशान करती है. बिहार के अन्य क्षेत्रों के साथ ही इस विधानसभा के युवा भी रोजगार के लिए पलायन करते हैं. इस विधानसभा में स्कूल तो हैं, लेकिन जो मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए वह नहीं हैं. अस्पतालों में अव्यवस्था से मरीजों को काफी परेशानी होती है.
वहीं, डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को भोजपुर जिला से दूर जिलों में इलाज के लिए जाना पड़ता है.
हालांकि, हाल ही में पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की ओर से Chief Minister महिला रोजगार योजना से मिली 10 हजार की धनराशि ने यहां रोजगार का सपना देख रही महिलाओं के चेहरे पर खुशी बिखेरी है, लेकिन टूटी सड़कें, बिजली कटौती और गर्मियों में पानी का संकट आम है. जनता अब इस सीट पर बदलाव चाहती है.
भोजपुर जिला के संदेश विधानसभा में कुल जनसंख्या 502841 है. यहां पुरुषों की जनसंख्या 261064 और महिलाओं की जनसंख्या 241777 हैं.
चुनाव आयोग के डाटा अनुसार, कुल मतदाता 294047, पुरुष मतदाता 154806, महिलाएं 139240 और थर्ड जेंडर 1 मतदाता हैं.
इस विधानसभा सीट के इतिहास में जाएं तो यहां पर राजद का दबदबा रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने जदयू के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी. 2015 में भी राजद ने इस सीट पर जीत हासिल की. हालांकि, 2010 में भाजपा के उम्मीदवार ने जीत हासिल की. 2010 के बाद इस सीट पर बीते दो चुनाव में जदयू को हार का सामना करना पड़ा. 2015 में राजद ने उस समय इस सीट पर जीत हासिल की थी जब केंद्र में मोदी Government और देशभर में मोदी लहर चल रही थी.
वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2025 में भी कुछ इसी तरह का समीकरण है. राजद महागठबंधन के साथ चुनावी मैदान में है और जदयू एनडीए के साथ चुनावी मैदान में है. देखना होगा कि क्या इस बार इस सीट पर परिणाम जदयू, एनडीए के पक्ष में आते हैं या फिर राजद तीसरी बार इस सीट पर जीत हासिल करेगा.
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डीकेएम/डीएससी