बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने केंद्रीय बजट को सराहा, मखाना बोर्ड के फैसले को बताया ऐतिहासिक

पटना, 1 फरवरी . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में अगले वित्तीय वर्ष के लिए आम बजट पेश किया. इस बजट को बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने सराहा है. उन्होंने बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने के फैसले को ऐतिहासिक बताया.

कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने आम बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह घोषणा ऐतिहासिक है, जिससे किसानों को बड़ा फायदा होगा. मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी. इस घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.

उन्होंने इसके लिए बिहार के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया है. उन्होंने कहा, “जिस तरह देश में रबर बोर्ड का गठन हुआ है, उसी तरह मखाना किसानों की मांग थी कि मखाना बोर्ड का गठन किया जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर हम सभी ने भारत सरकार से इसका आग्रह किया था. हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री जब पटना आए थे, तब भी हमलोगों ने यह आग्रह किया था. आज मखाना उत्पादकों का वह सपना साकार हो गया कि अब देश में मखाना बोर्ड का गठन होगा.”

मंगल पांडेय ने बजट में बिहार को बड़ी सौगात मिलने पर हर्ष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि इस केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कई अच्छी खबरें आई हैं.

इससे पहले, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2025-26 के लिए बजट पेश किया. उन्होंने बिहार के किसानों को बड़ा तोहफा दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने मखाना के उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की.

माना जा रहा है कि यह घोषणा बिहार के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी और मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को और भी लाभ हो सकते हैं. बिहार में फिलहाल लगभग 35 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है. 25 हजार किसान इससे जुड़े हुए हैं. देश में सबसे अधिक मखाना उत्पादन करने वाला राज्य बिहार है.

हाल ही में पटना में आयोजित मखाना महोत्सव में कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मखाना का उत्पादन बढ़ाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. सब्सिडी पहले से ही दी जा रही है. हमारा लक्ष्य है कि अगले दो-तीन साल में 50-60 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती हो और 50 हजार किसान मखाने की खेती से जुड़ें.

एमएनपी/एबीएम