पंजाब में किसानों का बड़ा प्रदर्शन, मंत्रियों और विधायकों के घरों का किया घेराव

अमृतसर, 31 मार्च . पंजाब में किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में किसानों ने राज्य के 17 जिलों में 35 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. पंजाब सरकार के मंत्रियों और विधायकों के घरों के बाहर यह घेराव दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चला.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने जानकारी दी कि यह प्रदर्शन चार घंटे तक जारी रहा. किसानों ने अमृतसर के जगदेव कलां गांव में कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के घर के बाहर धरना दिया. इस मौके पर किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगें दोहराईं.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने से बात करते हुए कहा कि हम विभिन्न जगहों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों पर जुल्म किया. हमारे किसान नेताओं को पीटा गया और इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस वजह से हम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने पंजाब सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा.

सीएम भगवंत मान पर निशाना साधते हुए पंधेर ने कहा कि पहले आप कहते थे कि मोदी सरकार ने रास्ते बंद कर रखे हैं, लेकिन अब वह कह रहे हैं कि रास्ते बंद होने से पंजाब में व्यवसाय को नुकसान हो रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से सवाल किया कि बॉर्डर खुल जाने से कितना फायदा हुआ? इसका जवाब दें.

किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार से उनकी 12 मांगें हैं, जो एमएसपी गारंटी कानून, कर्ज माफी, और अन्य किसान हितैषी नीतियों से जुड़ी हुई हैं. किसान नेताओं ने पंजाब सरकार से शंभू और खनौरी सीमाओं पर लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने और वहां पुलिस कार्रवाई के दौरान किसानों से छीने गए सामान की भरपाई करने की मांग की.

उन्होंने आरोप लगाया कि 20 मार्च को शंभू मोर्चे पर किसान नेता बलवंत सिंह बेहरामके पर लाठीचार्ज करने वाले एसएचओ हरप्रीत सिंह को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है. किसान संगठनों ने इस अधिकारी को तत्काल नौकरी से हटाने की मांग की.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अमृतसर के जंडियाला विधानसभा क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ के घर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया गया. उन्होंने साफ किया कि जब तक सरकार उनकी सभी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेती, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

डीएससी/