नई दिल्ली, 28 जून . देश में हवाई यात्रा को सुरक्षित, सुगम और यात्री-अनुकूल बनाने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने एक अहम कदम उठाया है. सीआईएसएफ के एयरपोर्ट सेक्टर मुख्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय कार्यशाला में हवाई अड्डा सुरक्षा से जुड़े तमाम प्रमुख हितधारकों ने हिस्सा लिया. इस कार्यशाला में हवाई अड्डों की सुरक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावशाली और तकनीक-सक्षम बनाने पर जोर दिया गया.
कार्यशाला में सीआईएसएफ अधिकारियों के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, बीसीएएस, एएआई, दिल्ली पुलिस, बीओआई, एसपीजी, एनएसजी, एयरलाइंस और निजी एयरपोर्ट ऑपरेटरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
हवाई अड्डों में अब फेस रिकग्निशन, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान, फास्टैग इंटीग्रेशन और बायोमेट्रिक एईपी जैसी तकनीकों के उपयोग से प्रवेश प्रक्रिया और सुरक्षा जांच को तेज और निर्बाध बनाया जाएगा. इससे यात्रियों को लंबी कतारों से निजात मिल सकती है.
सभी एयरपोर्ट स्टाफ-सुरक्षा से लेकर एयरलाइन कर्मियों तक को एकीकृत और समन्वित प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे यात्रियों को हर टचपॉइंट पर बेहतर और एक समान अनुभव मिलेगा. छोटे शहरों में नए सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थानों की योजना भी तैयार की जा रही है.
लेयर्ड प्रोटेक्शन, एंटी-ड्रोन रणनीतियां और इंटर्नल थ्रेट्स की पहचान जैसे उपायों से वीआईपी और विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा को और सख्त किया जाएगा, जबकि सामान्य यात्रियों के अनुभव पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सभी एजेंसियों ने एक मानवीय और जवाबदेह शिकायत निवारण प्रणाली विकसित करने की बात कही. एयरसेवा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए यात्रियों की शिकायतों का रियल-टाइम समाधान सुनिश्चित किया जाएगा.
कार्यशाला में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डेटा एनालिटिक्स की मदद से संभावित खतरों का पहले ही पता लगाने और समय रहते उनका समाधान करने की रणनीतियों पर चर्चा हुई. इसका सीधा असर सुरक्षा तो बढ़ाएगा ही, जांच प्रक्रिया भी और सहज बनेगी.
सीआईएसएफ के विशेष महानिदेशक प्रवीर रंजन ने कहा कि वर्तमान वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यह कार्यशाला बेहद उपयुक्त समय पर आयोजित की गई. उन्होंने सुरक्षा में निरंतर नवाचार और ज्ञान अद्यतन की जरूरत पर बल दिया.
आईजी विजय प्रकाश ने जमीन से जुड़ी खुफिया जानकारी और विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल को मजबूत करने की जरूरत बताई, ताकि किसी भी खतरे को समय रहते टाला जा सके.
डीजीसीए के प्रमुख फैज अहमद किदवई ने सभी हितधारकों के बीच सहयोग को ‘यात्री-अनुकूल और सुरक्षित वातावरण’ की कुंजी बताया.
कार्यशाला का समापन करते हुए आईजी जोस मोहन ने कहा कि यह सम्मेलन कोई अंत नहीं, बल्कि हवाई अड्डा सुरक्षा के भविष्य को और मजबूत, स्मार्ट और यात्रियों के लिए सहज बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है.
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डीएससी/पीएसके