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ग्रेटर नोएडा, 4 नवंबर . रोजगार को बढ़ावा देने और निवेश को गति देने के लिए यमुना प्राधिकरण ने बड़ा कदम उठाया है. प्राधिकरण ने टॉय पार्क, एमएसएमई पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और अपैरल पार्क सहित पांचों औद्योगिक पार्कों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है.
इन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दिसंबर 2026 तक इन पार्कों में आवंटित अधिकतम औद्योगिक इकाइयां संचालन में आ जाएं. जो आवंटी समय सीमा के भीतर यूनिट शुरू नहीं करेंगे, उनके प्लॉट रद्द करने की कार्रवाई होगी. इस योजना में सबसे पहले रद्द होंगे पुराने और विवाद रहित प्लॉट.
प्राधिकरण ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्लॉट कैंसिलेशन की प्रक्रिया ‘ओल्डेस्ट एलॉटेड’ फॉर्मूले पर चलेगी. इसमें सबसे पुरानी लीज डीड, विवाद रहित प्लॉट और सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले भूखंड सबसे पहले कैंसिलेशन सूची में आएंगे. इसके लिए कैंसिलेशन के लिए दो पेज का आदेश जारी किया जाएगा. यदि कोई प्लॉट एंड-यूजर के नाम है और फिर भी संचालन शुरू नहीं होता, तो उसे भी कैंसिल करने की प्रक्रिया लागू होगी.
इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने नोडल अधिकारी नामित किए हैं, जिनमें टॉय पार्क के लिए अभिषेक साही (उप जिलाधिकारी), हैंडीक्राफ्ट पार्क के लिए शिव अवतार सिंह (विशेष कार्याधिकारी), अपेरल पार्क के लिए शैलेन्द्र कुमार सिंह (विशेष कार्याधिकारी), एमएसएमई पार्क के लिए अजय कुमार शर्मा (डिप्टी कलेक्टर) और मेडिकल डिवाइसेज पार्क के लिए कृष्ण गोपाल त्रिपाठी (उप जिलाधिकारी) को नामित किया गया है.
ये अधिकारी प्रत्येक 15 दिनों में अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंपेंगे. इसके साथ जिन बिंदुओं पर होगी सख्त निगरानी, उनमें जिन भूखंडों की लीज डीड हो चुकी है, लेकिन निर्माण शुरू नहीं हुआ है, उनसे संवाद किया जाएगा और कड़ी निगरानी रखी जाएगी. जिन भूखंडों का कब्जा देने के बावजूद यूनिट शुरू नहीं होगी, उनके लिए कार्रवाई की तैयारी की जाएगी. जिनका लीज प्लान नहीं बना है, उनके लिए भी तुरंत जारी कराना होगा. जहां मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं, वहां कारण तलाशकर स्वीकृति दिलानी होगी.
उसके अलावा, जिन खसरा नंबरों पर जमीन अभी खरीदी/अर्जित नहीं हुई, वहां भूमि विभाग के माध्यम से अर्जन का प्रस्ताव भेजा जाएगा. जो आंकड़े भी जारी हुए हैं उनके मुताबिक टॉय पार्क में 58 प्लॉट, एमएसएमई पार्क में 123 प्लॉट, हैंडीक्राफ्ट पार्क में 50 प्लॉट और अपैरल पार्क में 71 प्लॉट शामिल हैं. इनमें कई आवंटियों ने कब्जा लेने के बाद भी यूनिट शुरू नहीं की है, ऐसे मामलों पर विशेष फोकस होगा.
यमुना प्राधिकरण का कहना है कि इन सभी पार्कों में बड़े पैमाने पर रोजगार और औद्योगिक निवेश की संभावना है, इसलिए अब सख्ती जरूरी है. जहां जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है, वहां अर्जन की प्रक्रिया तेज की जाएगी और जहां लीज या निर्माण में देरी है, वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
प्राधिकरण ने औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने, बंद पड़े प्लॉटों को सक्रिय करने, और उद्योगों को समयबद्ध तरीके से शुरू करने के लिए मैदान स्तर पर निगरानी तेज कर दी है. यदि योजना सफल होती है तो अगले दो वर्षों में इन सेक्टरों में हजारों लोगों को रोजगार और क्षेत्र को बड़ा औद्योगिक लाभ मिलेगा.
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पीकेटी/पीएसके