New Delhi, 22 जुलाई . छत्तीसगढ़ के पूर्व Chief Minister और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने Tuesday को Supreme court में दायर अपनी याचिका औपचारिक रूप से वापस ले ली. यह याचिका उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 8 मई के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी, जिसमें उनके खिलाफ चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया गया था.
बघेल ने चुनाव याचिका पर अंतरिम रोक लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उन्होंने Supreme court से अपील की थी कि हाईकोर्ट में चल रही इस कार्यवाही पर रोक लगाई जाए, क्योंकि यह याचिका प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज की जानी चाहिए थी.
यह चुनाव याचिका उनके ऊपर लगाए गए आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों के संबंध में दायर की गई है. इस चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी. हालांकि, Supreme court ने उन्हें यह स्वतंत्रता दी है कि वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, जो कि इस मामले में इलेक्शन ट्रिब्यूनल के रूप में कार्य कर रहा है, के समक्ष इस याचिका की मेंटेनबिलिटी (स्वीकार्यता) को चुनौती दे सकते हैं.
Supreme court कहा कि हाईकोर्ट याचिका की मेंटेनबिलिटी पर निर्णय लेने से पहले दोनों पक्षों को सुनें. मेंटेनबिलिटी तय होने तक केस के मेरिट पर कोई सुनवाई या कार्यवाही न हो. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेश में की गई कोई टिप्पणी भूपेश बघेल के आवेदन को प्रभावित नहीं करेगी.
बता दें कि भूपेश बघेल पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है. दुर्ग से भाजपा सांसद विजय बघेल ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल का चुनाव रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था. समय सीमा समाप्त होने के बाद भी भूपेश बघेल ने पाटन विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार किया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
दरअसल, 8 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के पूर्व Chief Minister भूपेश बघेल को हाईकोर्ट से झटका लगा था. हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व सीएम और पाटन विधानसभा सीट से विधायक भूपेश बघेल के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी. भूपेश बघेल की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि चुनाव याचिका में पर्याप्त सामग्री मौजूद है और इसे इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता.
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पीएसके/एएस