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लातूर, 12 सितंबर . Maharashtra में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे तनाव और राजनीति के बीच, Maharashtra Government के मंत्री छगन भुजबल ने लातूर का दौरा किया. उन्होंने आत्महत्या करने वाले युवक भरत कराड के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी.
पत्रकारों से बात करते हुए भुजबल ने कहा कि “ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए पहले कुर्बानी देनी पड़ी थी और अब रिजर्वेशन बचाने के लिए भी कुर्बानी देनी पड़ रही है.”
छगन भुजबल ने स्पष्ट किया कि Government ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी कीमत पर उनका हक छिनने नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, “पूरा मराठा समुदाय पिछले दरवाजे से इस आरक्षण में प्रवेश कर रहा है, और हम इसके लिए लड़ रहे हैं. जिसने आत्महत्या की वह हमारा एक ओबीसी का कार्यकर्ता था. वह सभी पार्टी की सभी बैठकों में जाता था.”
भुजबल ने कहा कि भरत कराड को लगने लगा था कि हम लोग खत्म हो गए हैं, हम लोगों को कुछ नहीं मिलने वाला है. त्रस्त होने के बाद उसने आत्महत्या की. हमने लोगों को समझाया है कि कोई डरे नहीं, हम सबके साथ खड़े हैं.
उन्होंने बताया कि Government के सामने हमने सारी बातें रखी हैं. जगह-जगह शांति के मोर्चे निकाले जा रहे हैं, और हम लोग हाईकोर्ट भी जाने वाले हैं. लोग परेशान न हों.
वहीं इससे पहले 29 अगस्त को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने Mumbai में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी. हालांकि, पांचवें दिन Government ने उनकी मांगें मान लीं और जीआर जारी कर दिया था. इस दौरान हजारों लोग Mumbai पहुंचे थे, जिससे शहर में भारी जाम और जनजीवन बाधित हुआ था.
वहीं 3 सितंबर को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों को ध्यान में रखते हुए Maharashtra Government ने एक नई उप-समिति का गठन किया था. इस नई उप-समिति की कमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले को सौंपी गई थी. वे इस समिति के अध्यक्ष हैं. समिति में कुल 8 सदस्य शामिल किए गए हैं, जो राज्य की तीन प्रमुख सत्ताधारी पार्टियों से आते हैं.
इस समिति का मुख्य उद्देश्य ओबीसी समाज की स्थिति का आकलन करना और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाना है. इसमें शिक्षा, रोजगार, आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक उत्थान जैसे मुद्दों पर विशेष फोकस किया जाएगा.
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एसएके/जीकेटी