Lucknow, 13 सितंबर . Lucknow स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 9 साल पुराने रिश्वतखोरी के एक मामले में Friday को बीएचयू के क्लर्क को 5 साल की सजा सुनाई. दोषी क्लर्क पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने Saturday को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए फैसले की जानकारी दी.
सीबीआई ने बताया कि अदालत ने Friday को बीएचयू के क्लर्क को दोषी ठहराया. रिश्वत के मामले में दोषी क्लर्क राजेश कुमार को 5 साल की कैद और 1 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
जांच एजेंसी ने 2 जून 2016 को वाराणसी के बीएचयू के सीनियर असिस्टेंट (क्लर्क) राजेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
दरअसल बीएचयू में स्वीपर के पद पर कार्यरत कल्लू की सेवाकाल के दौरान ही मौत हो गई थी. राजेश कुमार ने कल्लू के बेटे से डेथ बेनिफिट्स की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 75 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. शिकायतकर्ता का कहना था कि पिता की मौत के बाद उनके डेथ बेनिफिट्स कानूनी रूप से परिवार के हक में थे, लेकिन राजेश कुमार ने हालात का फायदा उठाने की कोशिश की.
शिकायतकर्ता ने सीबीआई से क्लर्क की शिकायत की. इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी राजेश कुमार को शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. इस कार्रवाई ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के स्पष्ट सबूत स्थापित किए.
उसकी गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने अपनी जांच पूरी की. इसके बाद 30 जून 2016 को आरोपी क्लर्क राजेश कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया. कोर्ट में मुकदमा चला. अभियोजन पक्ष ने रिश्वतखोरी और कदाचार के आरोपों को साबित करने के लिए गवाह, दस्तावेज और अन्य भौतिक साक्ष्य पेश किए.
तथ्यों की जांच और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ने राजेश कुमार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी पाया. Friday को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए उसे 5 साल के कारावास और एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
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डीसीएच/वीसी