भोपाल, 24 मार्च . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक शुरू होने से पहले विक्रमादित्य ध्वज तथा पुस्तिका ‘भारत का नव वर्ष विक्रम संवत’ का विमोचन किया गया.
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश भर में 30 मार्च को गुड़ी पड़वा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. उन्होंने मंत्रियों से आग्रह किया कि वे इस मौके पर अपने-अपने जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएं.
उन्होंने कहा कि विक्रम महोत्सव के अंतर्गत नई दिल्ली में 12, 13 और 14 अप्रैल को विशेष आयोजन होने जा रहे हैं, जिसमें सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य की प्रस्तुति भी होगी. सम्राट विक्रमादित्य के व्यक्तित्व और शासन व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित महानाट्य की प्रस्तुति प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी की जाएगी. इसके साथ ही सेक्टरवार होने वाले इन्वेस्टर्स समिट तथा अन्य बड़े आयोजनों के अवसर पर भी सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य की प्रस्तुति की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने विमोचित पुस्तिका “भारत का नव वर्ष विक्रम संवत” के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पुस्तिका में विक्रम संवत, काल गणना की पद्धति, प्राचीन यंत्रों , वैदिक घड़ी आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई है. मुख्यमंत्री ने विक्रम संवत के अंतर्गत तिथियों की महत्ता, पर्व और त्योहारों के निर्धारण तथा काल गणना पद्धति पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि निवेश प्रस्तावों को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए गतिविधियां जारी हैं. इस क्रम में 21 मार्च को ग्वालियर क्षेत्र में 18 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया गया, जिनमें 11 मुरैना, 7 ग्वालियर और 1 इकाई का भिंड में भूमि-पूजन संपन्न हुआ. इस क्रम में मंगलवार को उज्जैन संभाग की 25 इकाइयों का भूमि-पूजन होने जा रहा है, जिसमें उज्जैन की 13 और संभाग के अन्य स्थानों की 12 इकाइयां शामिल हैं. संभागवार यह क्रम निरंतर जारी रहेगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण तथा वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. इस क्रम में प्रदेश में दो अभयारण को मूर्त रूप देने के बाद राज्य सरकार वाइल्ड लाइफ सैंक्च्यूरी विकसित करने की ओर अग्रसर है. इसके अंतर्गत ओंकारेश्वर में 614 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में प्रदेश की 26वीं वाइल्ड लाइफ सैंक्च्यूरी विकसित की जा रही है. इस संपूर्ण क्षेत्र में कोई गांव अथवा बसाहट नहीं है. भविष्य में इसे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाएगा.
सीएम मोहन यादव ने ग्रीष्म काल के चलते ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में पेयजल उपलब्धता की स्थिति की निरंतर समीक्षा कर आवश्यकतानुसार त्वरित रूप से उपयुक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ के साथ-साथ पशुओं के लिए भी पीने के पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने कुएं, बावड़ियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों के बेहतर रखरखाव और जल गंगा अभियान में जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि बीते दिनों ओलावृष्टि से 400 से अधिक गांवों में फसल नुकसान की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, फसल नुकसान का सर्वे कर शीघ्र आपदा राहत प्रदान की जाए.
–
एकेएस/एबीएम