चंडीगढ़, 29 अप्रैल . हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा नहर के पानी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की तकनीकी समिति द्वारा 23 अप्रैल को लिए गए निर्णय के क्रियान्वयन की मांग की है.
हरियाणा के हिस्से का पानी समय पर न मिलने को लेकर चिंता जताते हुए सैनी ने कहा कि यदि समय रहते पानी नहीं दिया गया तो हरियाणा में पेयजल संकट और भी गंभीर हो सकता है.
मुख्यमंत्री सैनी ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने 26 अप्रैल को भगवंत मान को फोन कर स्थिति से अवगत कराया था और उन्हें बताया था कि बीबीएमबी की तकनीकी समिति द्वारा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो निर्णय 23 अप्रैल को लिया गया था, उसका क्रियान्वयन पंजाब के अधिकारी टाल रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री मान ने उन्हें स्पष्ट आश्वासन दिया था कि वे अपने अधिकारियों को तुरंत निर्देश देंगे और अगले दिन तक उस निर्णय को लागू करवा देंगे.
हालांकि, सैनी ने आरोप लगाया कि अगले दिन 27 अप्रैल को दोपहर 2 बजे तक पंजाब की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, और यहां तक कि हरियाणा के अधिकारियों के फोन कॉल्स का भी जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें मजबूरन मुख्यमंत्री मान को एक औपचारिक पत्र लिखकर इन तथ्यों से अवगत कराना पड़ा.
अपने पत्र में सैनी ने लिखा है कि बीबीएमबी की तकनीकी समिति ने हरियाणा संपर्क बिंदुओं (एचसीपी) पर 8500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने का निर्णय लिया था, जिसे लागू करना पंजाब की जिम्मेदारी है. उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि मई और जून के महीनों में सामान्यतः आईआईसीपी (हरियाणा का जल बिंदु) पर पानी की निकासी 9500 क्यूसेक से अधिक होती रही है, जिससे गर्मियों में पानी की कमी को पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा कि यदि यह निकासी समय पर नहीं हुई तो मानसून के दौरान बीबीएमबी को भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ेगा, जिससे सिंधु प्रणाली की तटीय नदियों के माध्यम से यह पानी पाकिस्तान में बह सकता है, जो कि सिंधु जल संधि की वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत के हित में नहीं है.
मुख्यमंत्री सैनी ने इस मुद्दे पर भगवंत मान द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान को भी ‘आश्चर्यजनक’ बताया और आरोप लगाया कि उन्होंने 48 घंटे तक पत्र का जवाब देने के बजाय एक वीडियो जारी कर इस गंभीर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि मान साहब ने तथ्यों की अनदेखी करते हुए लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया है, जबकि पानी का मुद्दा राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय और संवेदनशील विषय है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि पंजाब सरकार तत्काल बीबीएमबी के समक्ष आवश्यक मांगपत्र भेजे और तकनीकी समिति के निर्णय के अनुसार हरियाणा को उसका हक का पानी तत्काल प्रदान किया जाए, जिससे प्रदेश में उत्पन्न जल संकट को समय रहते रोका जा सके.
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