कोडरमा, 28 जुलाई . कभी-कभी जिंदगी बचाने के लिए ऑपरेशन थिएटर की नहीं, दिल से की गई कोशिशों की जरूरत होती है. कोडरमा में Sunday की आधी रात एक यात्री बस में ठीक ऐसा ही हुआ.
बस पर सवार एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. बाहर तेज बारिश थी और हालात ऐसे थे कि महिला को बस से उतारकर हॉस्पिटल ले जाना नामुमकिन था. ऐसे वक्त में बस के ड्राइवर-कंडक्टर, सड़क पर पीसीआर ड्यूटी में तैनात पुलिस, एक कॉल पर मौके पर पहुंचे डॉक्टर और बस पर सवार यात्रियों की कोशिशों से बस को ही प्रसव कक्ष में बदला गया. प्रसूता ने बच्ची को जन्म दिया.
बताया गया कि बिहार के वैशाली की रहने वाली 20 वर्षीय राधा देवी अपने पति सूरज राम, मां मीना देवी और बहन के साथ ‘श्री साईं’ नामक यात्री बस से रांची आ रही थीं. उन्हें 2 अगस्त की डिलीवरी डेट दी गई थी, इसलिए घर वाले उन्हें समय से पहले रांची ला रहे थे. राधा देवी बस के स्लीपर कोच में सोई थीं, लेकिन कोडरमा के पास अचानक उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. स्थिति बिगड़ने लगी. परिजन घबरा गए. बाहर बारिश तेज थी, किसी अस्पताल का पता नहीं चल रहा था. समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. ऐसे में बस ड्राइवर ने रेलवे ओवरब्रिज के पास खड़ी पीसीआर टीम से मदद मांगी.
पुलिसकर्मी ओमप्रकाश समेत पूरी टीम ने अस्पताल की तलाश शुरू की. शहर के दो-तीन अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिले. आखिरकार पुलिस की मदद से बस को बाईपास रोड स्थित आर्यन हॉस्पिटल पहुंचाया गया. यहां डॉ. प्रवीण कुमार से संपर्क किया गया. उन्होंने देरी किए बिना मेडिकल टीम के साथ बस तक पहुंचने का फैसला लिया. राधा की हालत ऐसी नहीं थी कि उन्हें बस से उतारा जा सके. इसलिए बस में ही डिलीवरी कराने का फैसला लिया गया.
सभी यात्री बस से बाहर उतर आए. फिर रात 2:40 बजे, उसी बस में एक स्वस्थ बच्ची ने जन्म लिया. जब तक डिलीवरी पूरी नहीं हुई, यात्रियों ने भीगते हुए इंतजार किया. और जैसे ही बच्ची का जन्म हुआ, बस तालियों से गूंज उठी. जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां Monday को जांच और इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई.
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एसएनसी/एएस