जल संकट से वैश्विक मंच पर बेंगलुरु की छवि हुई धूमिल : आर अशोक

बेंगलुरू, 9 मार्च . कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने शनिवार को बेंगलुरु में जारी जल संकट को लेकर कांग्रेस की सरकार पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन की वजह से राज्य में जल संकट की समस्या अपने चरम पर पहुंची है. इस समस्या ने वैश्विक स्तर पर राज्य की छवि को धूमिल किया है और यह सबकुछ तमिलनाडु को जल मुहैया कराए जाने की वजह से हुआ है.

पत्रकारों से बात करते हुए आर अशोक ने कहा, “एक अमेरिकी न्यूज चैनल लोगों से कह रहा है कि आप कर्नाटक मत जाइए. अधिकारियों के समक्ष बिना कोई वाजिब तर्क रखे कांग्रेस सरकार ने तमिलनाडु को अपने जलाशयों से पानी मुहैया करा दिया जिससे राज्य में जल संकट की समस्या पैदा हो गई है और लोग परेशान हो रहे हैं.”‘

इस समस्या को मुद्दा बनाकर बीजेपी ने सोमवार को फ्रीडम पार्ट में कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि ऐसी कोई व्यवस्था की जाए जिससे बेंगलुरु के लोगों को पानी उपलब्ध हो सके. अगर हमारी मांग की पूर्ति नहीं की जाती है, तो हम भविष्य में कई बड़े कदम उठाएंगे. बेंगलुरु में लोगों को बम की धमकियों के साथ-साथ पीने के पानी के लिए भी मशक्कत करना पड़ रही है.

उन्होंने कहा कि बेंगलुरू की पहचान सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के रूप में वैश्विक स्तर पर होती है.

उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को इससे कोई चिंता नहीं है. आलम यह है कि डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार तमिनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन को बुलाकर उन्हें गले लगाते हैं और उन्हें बिरयानी भी खिलाते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि अगर कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी उपलब्ध नहीं कराया होता, तो राज्य के लिए पांच से छह टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) की बचत होती और जल संकट नहीं होता.

अशोक ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पूर्व ही तमिलनाडु को पानी मुहैया करा दिया, जिसकी वजह से राज्य में सूखे जैसी स्थिति पैदा हो गई और अब लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.”

अशोक ने आगे दावा किया, “कांग्रेस लोगों को भत्ते देती है. अब उसका क्या किया जाए? पैसा देने के बावजूद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि मांड्या जिले में भी सूखे की समस्या की चपेट में लोग आ चुके हैं, जिसकी वजह से वहां से लोग प्रस्थान करने पर मजबूर हो रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, “सरकार का काम महज पानी टैंकरों की कीमत निर्धारित किए जाने के बाद ही खत्म नहीं हो जाता है. उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लोगों को पीने का पानी उपलब्ध हो.”

उन्होंने आगे कहा, “कर्नाटक के लोग पिछले पांच महीने से पानी की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार ने राज्य में सूखे की घोषणा करने में देरी की. हालांकि, सूखे की चपेट में आने वाले लोगों को तीन महीने का मुआवजा दिया जाएगा.”

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “अब राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. सूखे की चपेट में आने वाले लोग अब पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं. सरकार इस बात से मुंह नहीं मोड़ सकती.”

उन्होंने आगे कहा कि जल संकट की वजह से राज्य के कल-कारखानों में कभी-भी ताले लग सकते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, “राज्य मे गंभीर जल संकट है. आप महज इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि होटल में पानी नहीं है. अब ऐसी स्थिति में कोई जीएसटी कैसे देगा. अपार्टमेंट में पानी नहीं है. पिछले 30 सालों में राज्य में लोगों को कभी-भी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा, जैसा कि अभी करना पड़ रहा है.”

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