चिक्कमगलुरु, (कर्नाटक) 2 मार्च . भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने शनिवार को यहाँ कहा कि बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे विस्फोट विध्वंसक ताकतों द्वारा किया गया रिहर्सल था और यह विस्फोटों की आसन्न श्रृंखला का संकेत है.
रवि ने चिक्कमगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि रामेश्वरम कैफे में कम तीव्रता वाला विस्फोट एक रिहर्सल था, एक परीक्षण जो आसन्न सिलसिलेवार विस्फोटों की ओर संकेत करता है. एक प्रायोगिक विस्फोट किया गया.”
उन्होंने कहा, “पहले, तमिलनाडु के कोयंबटूर से सिलसिलेवार बम विस्फोटों की सूचना मिली थी. अब ऐसी ही एक कोशिश की गई है. धार्मिक कट्टरपंथियों और आतंकवादियों ने विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हाथ मिला लिया है. मैं कर्नाटक सरकार से कैफे विस्फोट की जांच पूरी तरह से एनआईए को सौंपने का आग्रह करता हूं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद एनआईए ने कर्नाटक में 21 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था.
उन्होंने बताया कि 19 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में बम विस्फोट करने की साजिश रचने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 18 दिसंबर 2023 को एक आईईडी विस्फोट के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि इस साल 13 जनवरी को अधिकारियों ने आठ संदिग्ध आत्मघाती हमलावरों को गिरफ्तार किया था.
रवि ने कहा, “हम दिल्ली, अहमदाबाद, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बम विस्फोटों के बारे में सुनते थे. अब, उत्तर में बम विस्फोट लगभग समाप्त हो गए हैं और दक्षिण भारत, विशेषकर केरल, तेलंगाना और कर्नाटक में ये चीजें हो रही है. यह एक गंभीर मामला है.
“हमारी कर्नाटक सरकार ‘ब्रांड बेंगलुरु’ बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन अब इस ‘ब्रांड बेंगलुरु’ को बम के खतरे का सामना करना पड़ रहा है.”
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने कर्नाटक को स्लीपर सेल (हब) बना दिया है. इन तत्वों ने कर्नाटक को (लंबे समय से) प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उपयोग किया है. चिक्कमगलुरु जिले के कोप्पा क्षेत्र में वे बम और बंदूकें बनाने का प्रशिक्षण ले रहे थे. तीर्थहल्ली में विध्वंसक तत्व प्रेशर कुकर में विस्फोट करने का प्रशिक्षण ले रहे थे. प्रशिक्षण कर्नाटक के कोडागु क्षेत्र में भी दिया गया, जिसकी सीमा केरल से लगती है. सरकार के पास कर्नाटक को आतंकवादियों द्वारा प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किए जाने की जानकारी है.
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पडारायणपुरा इलाके में धार्मिक कट्टरवाद सामने आया. वहां कोरोना योद्धाओं पर हमला किया गया और डीजे हल्ली और केजी हल्ली हिंसा मामले में भी यही कट्टरता देखी गई.
भाजपा नेता ने कहा, “एक दलित विधायक का घर जला दिया गया और निजी वाहनों को आग लगाने के अलावा उन्होंने एक थाना भी जला दिया.
“उत्तरी कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ क्षेत्र में भी अत्यधिक धार्मिक कट्टरवाद देखा गया. कट्टरता के कारण, बेंगलुरु विधानसभा और राज्य के अन्य हिस्सों में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए.”
उन्होंने दावा किया कि बेंगलुरु कैफे विस्फोट का अंतर्राष्ट्रीय लिंक होने की आशंका है और जांच पूरी तरह से एनआईए को सौंपी जानी चाहिए.
रवि ने कहा, “सीएम सिद्दारमैया ने कहा है कि कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए. यह हमारे लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. मैं सीएम से अपील करता हूं कि वह अपने मंत्रियों और विधायकों को आतंकवादियों से सहानुभूति न रखने की सलाह दें. डीजे हल्ली और केजी हल्ली हिंसा मामले के आरोपियों को कैबिनेट मंत्रियों द्वारा निर्दोष के रूप में पेश किया गया था. उन्होंने उनकी रिहाई की मांग को लेकर पत्र भी लिखा था. उन्होंने मंगलुरु कुकर ब्लास्ट की घटना को भाजपा का खेल करार दिया. डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने आरोपियों को अपना ‘भाई’ बताया. यह सहानुभूतिपूर्ण रवैया अब बंद होना चाहिए.”
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एकेजे/