कोलकाता, 12 जुलाई . पश्चिम बंगाल में स्कूलों में नौकरी के बदले नकदी मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों ने ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट तैयार करने के लिए जिम्मेदार आउटसोर्स एजेंसी एस. बसु रॉय एंड कंपनी के दफ्तर से दो सर्वर जब्त किए थे. सीबीआई ने जब्त सर्वर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.
आउटसोर्स एजेंसी एस. बसु रॉय एंड कंपनी ने भर्ती परीक्षा के लिए ओएमआर शीट उपलब्ध कराई थी. इसके अलावा कंपनी इन्हें संरक्षित करने के लिए भी जिम्मेदार थी.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों ने एस बसु एंड कंपनी के दफ्तर में मंगलवार से लगातार तीन दिनों तक तलाशी ली और इस दौरान डेटा मिटाए जाने के कुछ शुरुआती सबूत मिले हैं.
मिटाए गए डेटा को देखने के बाद जांच अधिकारियों ने फर्म के सर्वर और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त करने तथा अधिक साक्ष्य जुटाने के लिए उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजने का फैसला लिया.
सूत्रों ने बताया कि ओएमआर डेटा की रिकवरी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण है. ये शीट स्कूल नौकरी भर्ती मामले में अनियमितताओं के महत्वपूर्ण सबूत हैं.
पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) ने पहले ही कलकत्ता हाई कोर्ट को बता दिया है कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के आदेश पर ओएमआर डेटा नष्ट कर दिया गया था. इसलिए डेटा को दोबारा प्राप्त करना सीबीआई के लिए बहुत जरूरी है.
कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा की सिंगल-जज बेंच के आदेश के बाद सीबीआई स्वतंत्र साइबर और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की मदद ले रही है. जस्टिस मंथा ने डब्ल्यूबीबीपीई को केंद्रीय एजेंसी की ओर से स्वतंत्र विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का पूरा खर्च वहन करने का भी निर्देश दिया है.
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