कोलकाता, 15 जून . पश्चिम बंगाल में स्कूल मेें नौकरी के बदले करोड़ों रुपये की नकदी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को 35 नए बिचौलियों-सह-संग्रह एजेंटों के बारे में जानकारी मिली है. इन पर कथित घोटाले में लाभार्थियों और लाभ प्रदान करने वालों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करने का आरोप है.
सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान, सीबीआई के अधिकारियों ने मोटी रकम के बदले स्कूल में नौकरी दिलाने के आरोपी लगभग 2,300 व्यक्तियों से पूछताछ की है.
सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान, इन 35 एजेंटों के नाम सामने आए. इन्होंने उम्मीदवार और राज्य शिक्षा विभाग से जुड़े संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच संपर्क बनाने, नौकरी के लिए भुगतान की जाने वाली राशि तय करने, उम्मीदवारों से पैसे इकट्ठा करने और घोटाले के मास्टर माइंड को इसे सौंपने और पैसे देने वालों की नियुक्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों ने इन बिचौलियों के पिछले रिकॉर्ड की भी जांच की और पाया कि उनमें से कई राजनीतिक संपर्कों के मामले में अपने जिलों में अत्यधिक प्रभावशाली थे.
जांच अधिकारी इन 35 एजेंटों को बुलाने, उनसे पूछताछ करने और कथित घोटाले में उनके गॉडफादर के बारे में जानकारी प्राप्त करने की तैयारी कर रहे हैं.
स्कूल नौकरी मामले में समानांतर जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में समाप्त हो चुके एक पैनल से 222 व्यक्तियों की पहचान की. इनके नामों की अनुशंसा पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रूप में की गई थी. इन 222 व्यक्तियों में से 183 माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक थे और 38 उच्चतर माध्यमिक के शिक्षक थे.
ईडी के मुताबिक इन 222 व्यक्तियों में से अधिकांश की नियुक्ति की सिफारिश एसपी सिन्हा ने की थी. सिन्हा उस समय पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे.
स्क्रीनिंग कमेटी का गठन आयोग द्वारा पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान किया गया था. स्कूल नौकरी मामले में अपनी कथित संलिप्तता के कारण चटर्जी वर्तमान में जेल में हैं.
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