बंगाल के राज्यपाल ने महिला से छेड़छाड़ के आरोप को नकारा, इसे चुनावी लाभ हासिल करने की सत्ताधारी पार्टी की कोशिश करार दिया

कोलकाता, 2 मई . राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर शील भंग करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई. बोस ने गुरुवार की रात आरोप को नकारते हुए आरोप को चुनावी लाभ हासिल करने का सत्ताधारी पार्टी का प्रयास बताया.

गुरुवार रात राज्यपाल के कार्यालय द्वारा जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, “सच्चाई की जीत होगी. मैं इंजीनियर्ड नैरेिटव से नहीं डरता. अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान उनका भला करें. लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते.”

गुरुवार दोपहर को राजभवन में एक अस्थायी महिला कर्मचारी, जो कथित तौर पर गवर्नर हाउस में शांति कक्ष से जुड़ी हुई थी, राजभवन के अंदर स्थित पुलिस चौकी के प्रभारी अधिकारी के पास पहुंची और आरोप लगाया कि सी.वी. आनंद बोस ने स्थायी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके साथ छेड़छाड़ की.

महिला ने बाद में हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई.

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या आरोप सही है या किसी साजिश का हिस्सा है.

अधिकारी ने कहा, “कलकत्ता हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद राज्य संचालित स्कूलों में लगभग 26,000 लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है. संदेशखाली में हुए घटनाक्रम को लेकर तृणमूल घिरी हुई है. यह देखना होगा कि क्या यह आरोप लोकसभा चुनाव सेजुड़े किसी साजिश का हिस्सा है. यदि आरोप सच है, तो केंद्र सरकार निश्चित रूप से इस मामले को देखेगी.”

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